31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

असली भारत की तस्वीर देखिए: ‘दो भाई’ नाम की इस दुकान को हिंदू-मुस्लिम मिलकर चलाते हैं

Hindu Muslim Unity: भाईचारे की मिसाल पेश करने वाली यह तस्वीर उस छोटी दुकान की है, जिसमें जूते और चमड़े के बैग की मरम्मत होती है। यह दुकान कोलकाता के कुदघाट में स्थित है।

2 min read
Google source verification
wb_1.jpg

Hindu Muslim Unity: अभी समूचे विश्व में ऐसा समय चल रहा है जब एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोग को नीचा दिखाते हैं। दूसरे धर्म को गाली देते हैं। दूसरे धर्म के आराध्य का अपमान करते हैं। जबरन धर्मांतरण कराते हैं और जब धर्म बदलने से कोई मजबूर आदमी मना करता है तो उसकी जान तक ले लेते हैं। ऐसे समय में कोलकाता के कूदघाट से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसकी कहानी आपके दिल को छू लेगी। इस बेहद दिलचस्प तस्वीर को अपने ट्विटर से साझा किया है, देवोत्री घोष नाम की एक महिला ने। जो अभी सोशल मीडिया पर चर्चा का कारण बना हुआ है। इसका दुकान का नाम "दो भाई" है। जिसे एक हिंदू और एक मुसलमान मिलकर चलते हैं। उसने बताया कि यह दुकान कोलकाता के कूदघाट में स्थित है और जूते और चमड़े की बैग कि यहां मरम्मत की जाती है। फोटो में आप देख सकते हैं कि 2 आदमी अपनी दुकान के अंदर बैठे हुए हैं और प्रेम पूर्वक बातचीत कर रहे हैं। और दुकान की अलमारियों में जूते और बैग रखे हुए सलीके से रखा गया है।


लोगों का मिल रहा समर्थन

बता दें कि इस तस्वीर को इस महिला ने 4 जून कि रात में 10:02 पर पोस्ट किया था। जिसे अब तक 4461 लाइक और 653 रिट्वीट मिल चुके हैं। इस तस्वीर को फेसबुक पर भी जमकर शेयर किया जा रहा है। आम लोग भी इस तस्वीर पर जमकर प्यार लुटा रहे हैं। लोग इन दोनों के साथ को हिंदुस्तान की असली तस्वीर बता रहे हैं।

किशोर मेहर नाम के एक शख्स ने लिखा- 'यह अद्वितीय है' हमें ऐसे और दुकानों की जरूरत है। वही वासु नाम के एक दूसरे शख्स ने इस दुकान की तारीफ में कहा कि मुझे इस तस्वीर को देखकर काफी खुशी हुई। कितनी सुंदर कहानी है। यही सच्चा भारत है। यही सच है, भारत का सार है।

जबकि तीसरे व्यक्ति का इस तस्वीर पर यह कहना था कि मैं आईआईटी के पास रहता हूं और यहीं आकर मैं अपना जूता मरमर करवाता हूं। ये लोग काफी विनम्र हैं और अच्छे स्वभाव के हैं। जबकि चौथे यूजर का कहना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस धर्म या किस जाति से आते हैं। दोस्ती हमेशा इन चीजों से बढ़कर होती है, इस तस्वीर को देखकर मुझे काफी खुशी हुई।