यूआईडीएआई की टीम ने तुरंत उठाए कदम
दरअसलस केरल के कोट्टायम स्थित कुमारकम में जोसिमोल पी की बेटी की हाथ की उंगलियां नहीं है। इसके साथ ही वह दिव्यांग भी है। इस कारण से उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस बात की जानकारी सामने आते ही कैबिनेट मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अधिकारियों के निर्देश दिए। इसके बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) हरकत में आ गया।
यूआईडीएआई की एक टीम ने दिव्यांग के घर जाकर उनका आधार नंबर तैयार किया। उनकी मां ने अधिकारियों को उनके समर्थन और सहायता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आधार की मदद से, उनकी बेटी अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन और दिव्यांगजनों के लिए पुनर्वास योजना कैवल्य सहित कई बेनेफिट और सेवाओं का आसानी से फायदा उठा सकेगी।
आधार के लिए बायोमीट्रिक पहचान जरूरी
बता दें कि आधार बनवाने के लिए बायोमीट्रिक पहचान जरूरी होती है और इसके लिए भारतीय नागरिकों को आंखों की पुतलियों और हाथों की उंगलियों और अंगूठे के निशान देने अनिवार्य होते हैं। इनके बिना किसी शख्स का आधार नहीं बन सकता है। हालांकि कभी इस बात पर आपने गौर किया है कि अगर कोई व्यक्ति हाथों के बिना है, या किसी दिव्यांजन के हाथ या उंगलियां नहीं हैं तो वो आधार कैसे बनवा पाएगा?
अच्छी खबर ये है कि इसके लिए आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने खास प्रबंध किए और ये सुनिश्चित किया कि ऐसे शख्स को भी आधार कार्ड मिल सके। कैबिनेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने इसी के संदर्भ में ये भी कहा कि सभी आधार सर्विस सेंटर को ऑप्शनल बायोमेट्रिक्स के लिए सलाह जारी की गई है जिसके जरिए आधार एनरोलमेंट करने वाली एजेंसियों को संवेदनशील बनाया गया है।