
वयस्क लोगों का नहीं बनेगा आधार कार्ड- हिमंत बिस्वा सरमा (Photo-IANS)
असम सरकार ने गुरुवार को आधार कार्ड को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक अब राज्य में 18 साल से ऊपर के लोगों का आधार कार्ड नहीं बनाया जाएगा। हालांकि सरकार ने इस फैसले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान समुदाय को बड़ी राहत दी है, उन्हें एक साल का और समय दिया है। इस बात की जानकारी असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने दी है।
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कैबिनेट बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह फैसला यह फैसला राज्य में आधार कार्ड की "सैचुरेशन" को देखते हुए और अवैध प्रवासियों की इस दस्तावेज तक पहुंच को रोकने के लिए लिया गया है।
इस दौरान सीएम ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने यह कदम क्यों उठाया है. सीएम के कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि अवैध प्रवासी भारत की नागरिकता न ले सकें। उन्होंने कहा कि वयस्क लोगों को एक महीने के समय दिया जाएगा, ताकि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है वे अपना आधार कार्ड बनवा ले। इसके बाद आधार कार्ड बनना बंद हो जाएगा।
सीएम हिमंत सरमा ने बताया कि यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति और चाय बागान समुदाय को इसके लिए एक साल का समय दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि यह सीमा बंद होने के बाद केवल दुर्लभ मामलों में ही आधार कार्ड बनाया जाएगा। यह जिला पुलिस और विदेशी न्यायाधिकरणों से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद उपायुक्तों द्वारा जारी किए जाएंगे।
सीएम ने बताया कि अगर व्यक्ति एक साल के बाद भी आधार कार्ड नहीं बनवा पाया तो उसे डीसी के पास आवेदन करना होगा। इसके बाद डीसी पुलिस अधीक्षक, विदेशी न्यायाधिकरण से परामर्श करेंगे और अनुमति देंगे।
Published on:
21 Aug 2025 05:43 pm
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