7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुंबई महानगर की हॉट सीटों का लेखा – जोखा, उद्धव के आदित्य की वर्ली पर मुरली के मिलिंद

Maharashtra Election: वर्ली से उद्धव ठाकरे के विधायक बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ पूर्व दिग्गज कांग्रेसी मिलिंद देवड़ा को उतारने का भाजपा और शिवेसना शिंदे का दांव उद्धव ठाकरे को घेरने की सोची समझा रणनीति के तहत खेला गया।

3 min read
Google source verification

मुंबई

image

Ashib Khan

Nov 18, 2024

मुंबई। वर्ली से उद्धव ठाकरे के विधायक बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ पूर्व दिग्गज कांग्रेसी मिलिंद देवड़ा को उतारने का भाजपा और शिवेसना शिंदे का दांव उद्धव ठाकरे को घेरने की सोची समझा रणनीति के तहत खेला गया। मिलिंद शिवसेना शिंदे के टिकट पर आदित्य को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। आदित्य की मुश्किलें मिलिंद पर ही खत्म नहीं हुई, उनके चाचा राज ठाकरे ने भी एमएनएस से संदीप पांडे को उनके सामने मैदान में उतार दिया, जो दोनों शिवसेना में से किसी का भी खेल बिगाड़ सकता है। वर्ली सीफेस स्थित झोपड़पट्टी मद्रासवाड़ी महात्मा फुले नगर के लोग हालांकि आदित्य के किए कामों को गिनाते हुए उनके साथ होने की बात कहते हैं। बस्ती के सांई बाब मंदिर के बाहर मिले मुरुगन देवेंद्र ने कहा मशाल (आदित्य का चुनाव चिह्न) का जोर है। हमारे यहां पानी की लाइनें डाली और कई काम किए हैं।

माहिम : राज के बेटे की राह मुश्किल

इस सीट से पिछला विधानसभा चुनाव अविभक्त शिवसेना के सदा सरवनकर जीते थे, जो बाद में शिंदे के साथ चले गए। इस बार एनएनएस प्रमुख राजे ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को अचानक भांडुप पश्चिम की जगह माहिम से मैदान में उतार दिया। लोकसभा चुनाव में राज के समर्थन का अहसान चुकाने के लिए भाजपा चाहती थी कि अमित के सामने महायुति का कोई प्रत्याशी न उतरे। लेकिन सरवनकर समर्थक अड़ गए। पार्टी के दबाव में सरवनकर राज से मिलने उनके घर भी गए, लेकिन राज ने मिलने से मना कर दिया। अब अमित शिवसेना उद्धव के महेश सांवत के साथ ही मौजूदा विधायक सरवनकर की चुनौती से रूबरू हैं। माहिम में पिता राज ठाकरे के दबदबे के बावजूद अमित मुश्किल में लग रहे हैं। माहिम में मातोश्री टावर के सामने मिले सार पवार बोले, सरवनकर ने इलाके में काम खूब किए हैं, जबकि अमित राजनीति में एकदम नए हैं। ऐसे में लोग सरवनकर का साथ शायद ही छोड़ें

दिंडोशीः निरुपम की राह नहीं आसान

शिवसेना से कांग्रेस और कांग्रेस से शिवसेना शिंदे के रास्ते महायुति में पहुंचे मुबंई के चर्चित और मुखर नेता संजय निरुपम की उम्मीदवारी से दिंडोशी सीट पर सबकी निगाह टिक गई है। लेकिन इस सीट पर शिवेसना उद्धव के सुनील प्रभु के विधायक के रूप में किए गए कामों को लेकर मतदाताओं की लामबंदी निरुपम की राह मुश्कल बना रही है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर चार निर्दलीय मुस्लिम दोनों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। पठानवाड़ी में फुरकान का कहना था कि निरुपम बड़ा नाम है। उनके आने से दिंडोशी के मतदाताओं में उत्साह है। वहीं पिंपरीवाड़ा में शमसुद्दीन का दावा था कि बार-बार पार्टी बदलने वाले निरुपम पर हमारे अपने विधायक प्रभु भारी पड़ेंगे।

अणुशक्तिनगरः नवाब की बेटी का मुकाबला स्वरा के पति से

इस सीट से पिछला चुनाव अविभक्त एनसीपी के टिकट पर पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने जीता और उद्धव सरकार में मंत्री बने। बाद में वे एनसीपी अजित में शामिल हो गए। भ्रष्टाचार के मामलों और अंडर वर्ल्ड से कथित संबंधों के चलते एनसीपी अजित ने नवाब मलिक की बजाय उनकी बेटी सना मलिक को अणुशक्तिनगर से टिकट दिया। टिकट कटने की चर्चा छिड़ी तो इस पर नवाब मलिक बागी तेवर दिखाने लगे। बाद में भाजपा के खुले विरोध के बावजूद अजित पवार ने नवाब को मानखुर्द शिवाजीनगर से टिकट दे दिया। सना के सामने शिवेसना शरद ने चर्चित फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद को उतारा है। दोनों एनसीपी के बीच इस सीट पर रोचक लड़ाई है। दोनों शिवसेना, भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता इस लड़ाई से दूरी बनाए हुए हैं। सना के ऑफिस के बाहर पान की थड़ी पर सुंदरम ने बताया कि सना भले ही पहला चुनाव लड़ रही है लेकिन वे जनहित का कार्यों में काफी समय से सक्रिय रही है।

मानखुर्द शिवाजीनगरः अबु आजमी की राह में नवाब मलिक बने रोड़ा

मुस्लिम बहुल इस सीट पर अणुशक्तिनगर से बेदखल होकर आए एनसीपी अजित के नवाब मलिक का सामना समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी से है। पिछला चुनाव अबु ही जीते थे। अब अबु का मुकाबला नवाब के साथ ही शिवसेना शिंदे के सुरेश पाटिल और एमएनएस के जगदीश खांडेकर से भी है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर अबु और नवाब मलिक की रोचक टक्कर है। नवाब पर बाहरी का ठप्पा है तो अबु पर मुस्लिम वोटों के बटने का खतरा मंडरा रहा है। इरफान नामक युवक का कहना था कि वोट तो बटेंगे पर नवाब बाहरी हैं। इसका उनको नुकसान हो सकता है।

वांद्रे ईस्टः पार्टी बदलने से जीशन मुश्किल में

इस सीट से पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीशान अली ने जीता था। जीशान पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता रहे बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जिनकी हाल ही हत्या कर दी गई थी। बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे, लेकिन फरवरी 2024 में वे एनसीपी अजित में शामिल हो गए। वांद्रे ईस्ट एमवीए में सीट बंटवारे में इस बार शिवसेना उद्धव को मिली तो जीशान अपने पिता की पार्टी एनसीपी अजित में शामिल हो गए। जीशान के सामने शिवसेना उद्धव के वरुण देसाई हैं, पर सहानुभूति के बावजूद जीशान की जीत उनकी पुरानी पार्टी कांग्रेस के वोटों पर निर्भर है। निर्मल नगर में जहां बाबा की हत्या हुई, उसके पास दुकान पर मिले नंदलाल रमानी ने माना कि पार्टी बदलने से जीशान को मुश्किल तो पेश आएगी।

यह भी पढ़ें- Maharashtra Election: कन्नड़ सीट पर पति-पत्नी हैं आमने-सामने, रैली में शिवसेना प्रत्याशी संजना जाधव रोई, बताया सुसराल में कैसा होता था व्यवहार