27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस राज्य में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को 1.5 लाख नहीं अब मिलेंगे 2.5 लाख रुपये: बीते 3 साल में 1,35,738 लोगों ने गंवाई जान

Karnataka Road Accident: कर्नाटक सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए अतिरिक्त 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है।

2 min read
Google source verification
Road Accident

Road Accident (Patrika Photo)

Karnataka Road Accident: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए अतिरिक्त 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है। यह कदम केंद्र की कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम फॉर रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स (CTRAV) 2025 को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, जो पहले से ही 1.5 लाख रुपये का कैसलेस उपचार प्रदान करती है। इस फैसले से हजारों परिवारों को राहत मिलेगी, खासकर गंभीर मामलों में।

कर्नाटक में हर साल 40,000 सड़क दुर्घटनाएं, 11,000 लोगों की मौत

कर्नाटक सड़क हादसों के मामले में देश में संवेदनशील राज्यों में शुमार है। सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट (SAST) के प्रस्ताव पर यह निर्णय लिया गया, जिसमें बताया गया कि राज्य दुर्घटना से जुड़ी मौतों में देशभर में पांचवें स्थान पर है। प्रति वर्ष यहां लगभग 40,000 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज होती हैं, जिनमें करीब 11,000 लोगों की जान चली जाती है। इन आंकड़ों ने सरकार को सतर्क किया, जिसके चलते CTRAV स्कीम में सुधार की जरूरत महसूस हुई। यह योजना पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का प्रयास है।

इन शर्तों के साथ मिलेगी अतिरिक्त सहायता

अतिरिक्त 1 लाख रुपये की सहायता विशेष मामलों के लिए होगी, जैसे वेंटिलेटर सपोर्ट, मल्टी-ऑर्गन फेल्योर या CTRAV की सात दिनों की सीमा से अधिक गंभीर उपचार। अपंजीकृत अस्पतालों में इलाज के लिए भी प्रावधान है, बशर्ते वे NABH या NQAS मान्यता प्राप्त हों या राज्य के पंजीकरण मानकों का पालन करें। ऐसे मामलों में प्रतिपूर्ति SAST पैकेज दरों के अनुसार 1 लाख रुपये तक सीमित रहेगी। सात दिनों से अधिक इलाज मेडिकल विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश पर ही कवर होगा। 15 सितंबर के सरकारी आदेश में कहा गया कि केंद्र की CTRAV 2025 स्कीम के अलावा राज्य सरकार प्रति पीड़ित 1 लाख रुपये का टॉप-अप प्रदान करेगी।

2025 के छह महीनों में 29,018 लोगों की मौत

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें पिछले वर्ष के आंकड़ों को पार कर सकता है। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष के पहले छह महीनों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 29,018 लोगों की मौत हुई, यह पिछले वर्ष हुई कुल मौतों का 50% से अधिक है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का 30% से अधिक हिस्सा होता है, जबकि ये कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2% हिस्सा हैं।

2024 और 2023 में इतने लोगों ने गंवाई जान

आंकड़ों से पता चलता है कि जून 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर 67,933 दुर्घटनाएं हुईं। 2024 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,25,873 दुर्घटनाओं में 53,090 लोगों की मृत्यु हुई। 2023 में, 1,23,955 दुर्घटनाओं में 53,630 लोगों की मृत्यु हुई। यह डेटा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (eDAR) पोर्टल पर भेजी गई जानकारी पर आधारित है। यह पोर्टल सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीय संग्रह है। 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या 1.72 लाख से अधिक थी।

साल — दुर्घटनाएं — मृत्युएं
2023 — 1,23,955 — 53,630
2024 — 1,25,873 — 53,090
2025 (जून तक) — 67,933 — 29,018
स्रोत: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

दिल्ली में 7 महीने में 313 टू वीलर सवारों की मौत

देश की राजधानी दिल्ली में 2025 के सात महीनों में 313 दुपहिया चालकों/सवारों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। 2024 के पहले सात महीनों में 361 दुपहिया सवार लोगों की मौत हुई थी। जानकारों का मानना है कि हादसों में टू वीलर सवारों की मौत का एक बड़ा कारण हेलमेट न पहनना या सही तरीके से हेलमेट न लगाना है।