17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से दिया इस्तीफा, दिग्गज क्रिकेटर ने दी है पटखनी  

Bengal Congress President: शुक्रवार दोपहर बंगाल कांग्रेस कमेटी की बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की घोषणा की।

2 min read
Google source verification

5 बार के सांसद और 17वीं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार दोपहर कांग्रेस कमेटी की राज्य इकाई की बैठक के बाद चौधरी ने इस्तीफे की घोषणा की। यह बैठक हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व की ओर से इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं।

खड़गे के अध्यक्ष रहते पार्टी को नहीं मिला नया प्रदेश अध्यक्ष- चौधरी

चौधरी ने कहा, "जब से मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, तब से पार्टी का राज्य अध्यक्ष नहीं था। अब जब पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, तो आप सभी को पता चल जाएगा।" उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के राज्य सचिवालय नबन्ना में आने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करने के एक दिन बाद की।

चुनाव के दौरान आई थी मतभेद की खबरें

दरअसल, खड़गे के साथ उनके मतभेद भी लोकसभा चुनावों के बीच में सामने आए थे। उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद, उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। राज्य कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि मालदा दक्षिण से पार्टी के एकमात्र लोकसभा सदस्य ईशा खान चौधरी पार्टी के राज्य इकाई के अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।

दिग्गज क्रिकेटर ने दी है पटखनी

मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के पांच बार के लोकसभा सदस्य रहे चौधरी को इस बार तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य यूसुफ पठान ने हराया। तृणमूल के साथ कांग्रेस के संबंधों के मुद्दे पर चौधरी के पार्टी आलाकमान के साथ मतभेद काफी समय से सामने आ रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के कट्टर विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले चौधरी हमेशा सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ चुनावी समझौते पर अपने विचारों के बारे में मुखर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर लगी रोक तो भड़की पत्नी सुनिता, बोली- देश में बढ़ गई तानाशाही