5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ahmedabad Serial Blast Case: 70 मिनट में 21 धमाकों से दहल उठा था अहमदाबाद, जानिए तब से अबतक सबकुछ

अहमदाबाद में जुलाई 2008 में 70 मिनट में 21 सिलसिलेवार बम धमाके किए गए थे। 13 साल पुराने इस मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। 49 दोषियों को सजा सुनाई गई है। इनमें से 38 दोषियों को फांसी और 11 को उम्र कैद की सजा दी गई है।

3 min read
Google source verification
Ahmedabad Serial Blast Case 2008 all about you need to know

Ahmedabad Serial Blast Case 2008 all about you need to know

गुजरात के अहमदाबाद शहर में 26 जुलाई 2008 का वो दिन हर किसी के जहन में अब भी ताजा है, जब नगर पालिका क्षेत्र में एक घंटे के अंदर 21 सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इन धमाकों की गूंज ने हर किसी को हिला कर रख दिया था। इस सीरियल ब्लास्ट केस में कोर्ट ने केस में 49 लोगों को दोषी करार दिया है। वहीं 77 में से 28 आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए पहले ही बरी कर दिया था। बता दें कि इस सिलसिलेवार बम धमाके में 56 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग इन धमाकों में जख्मी हुए थे।


अहमदाबाद शहर में हुए 20 सिलसिलेवार धमाके देश में एक समय या एक ही दिन में हुए बम धमाकों में से एक था। शायद यही वजह रही कि इस मामले में कोर्ट ने 38 लोगों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई है जो देश में अब तक इनती बड़ी संख्या में सबसे बड़ा आंकड़ा है।

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर पहला बम धमाका हुआ। ये धमाका मणिनगर में हुआ था। मणिनगर उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विधानसक्षा क्षेत्र था। आतंकियों ने टिफिन में बम रखकर उसे साइकिल पर रख दिया था।

यह भी पढ़ें - अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में 38 दोषियों को फांसी और 11 को उम्रकैद, देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सजा-ए-मौत


धमाकों से 5 मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को एक मेल भी किया था, जिसमें लिखा था, 'जो चाहो कर लो. रोक सकते हो तो रोक लो।'


इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं। कोर्ट ने सभी (20 और 15 ) 35 प्राथमिकी को मर्ज कर लिया। इसके बाद इस मामले में मुकदमा चलाया गया और सुनवाई शुरू हुई।


दरअसल पुलिस ने अपनी जांच में इस बात का दावा किया था कि सभी एक ही साजिश का हिस्सा थे। ऐसे में सभी प्राथमिकी को मिलाया गया।


धमाकों के बाद तत्तकालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। उन्होंने सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। गुजरात के DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई। जबकि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने भी 27 जुलाई को अहमदाबाद का दौरा किया।


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की विजिट के दूसरे ही दिन यानी 28 जुलाई को गुजरात पुलिस की एक टीम बनी। इसके बाद महज 19 दिन में इस मामले में 30 गिरफ्तारियां हुईं । ये सिलसिला आगे भी जारी रहा।

इस दौरान खुलासा हुआ कि, अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था।


- 78 आरोपितों पर इस मामले में अब तक आरोप पत्र तैयार
- 01 सरकारी गवाह बन गया बाद में, इस हिसाब से 77 आरोपित
- 06 आरोपितों पर आरोप पत्र अभी तैयार होना बाकी है
- 02 आरोपियों की मौत हो चुकी है
- 82 आतंकवादी सलाखों के पीछे हैं
- 96 आतंकियों की पहचान की गई है
- 3 पाकिस्तान और 1 सीरिया भागने में सफल रहा था
- 51 लाख पेज की चार्जशीट है
- 1163 गवाहों की गवाही को वैध रखा गया है
- 2009 से रोजाना हो रही थी इसकी सुनवाई
- 6000 से ज्यादा सबूत किए गए पेश
- 6,752 पन्नों का फैसला
- 49 आरोपियों को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया गया है
- 38 दोषियों को फांसी, 11 को उम्र कैद, 28 निर्दोष करार

यह भी पढ़ें - Ahmedabad: अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में फैसला टला, जज कोरोना ग्रस्त