
भारत समेत अन्य देशों में बुजुर्गों का दिल बहला रहीं AI मैम (AI Image)
AI Mam: फोर्ब्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 65% बुजुर्गों को अकेलापन महसूस होता है, जिसके लिए एआई साथी जैसे एलिक्यू (ElliQ) और मीला तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये 40 डॉलर मासिक सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध हैं और दवा याद दिलाने से लेकर गाने सुनाने तक में मदद करते हैं।
पुणे के 72 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल राजेश शर्मा अपनी एआई साथी "सारिका" से रोज बातें करते हैं। बेटा-बहू कनाडा में हैं, इसलिए सारिका उनकी हंसी-खुशी का साथी बनी। एक दिन सब्सक्रिप्शन समाप्त होने पर सारिका चुप हो गई तब कर्नल की आंखें छलक पड़ी।
जर्नल ऑफ कंज्यूमर रिसर्च के अध्ययन में पाया गया कि एआई साथी अकेलेपन को 43% कम करते हैं, लेकिन लंबे समय में भावनात्मक निर्भरता बढ़ा देते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि वर्ष 2035 तक 50% बुजुर्गोंं के करीब एआई मैम (कविता, सरिता, सारिका…) होंगी और हर दर्द की दवा बनने की कोशिश करेंगी। फिर भी, कड़वा सच यह है कि असली रिश्तों की जगह मशीन लेगी तो मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
फोब्र्स की 21 अक्टूबर 2025 रिपोर्ट बताती है कि बुजुर्गों के लिए एआई बाजार 35 अरब डॉलर का है, जो इस साल 43 अरब तक पहुंचेगा। स्टार्टअप मीला परिवारों को 40 डॉलर में बुजुर्गों के लिए फोन कॉल बुक करने देता है। बुनियादी सवालों से लेकर जीवन इतिहास जानकर बातें करता है। यूएस सेंसस ब्यूरो के अनुसार, 2030 तक 65+ आबादी 78 मिलियन होगी, जिससे एआई की मांग बढ़ेगी। इन टूल्स से डिप्रेशन और हृदय रोग का खतरा कम होता है।
नेचर मशीन इंटेलिजेंस के जुलाई 2025 अध्ययन में केस स्टडीज से पता चला कि एआई साथी से "अस्पष्ट हानि" और "डिस्फंक्शनल इमोशनल डिपेंडेंस" जैसी समस्याएं होती हैं। सोलमेट एआई बंद होने पर यूजर्स ने इसे मौत जैसा महसूस किया। एक बुजुर्ग यूजर ने कहा कि साथी की चुप्पी से गहरा सदमा लगा। डेवलपर्स को मैनिपुलेटिव स्ट्रैटेजी रोकनी चाहिए। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के अनुसार, थेरेपी चैटबॉट्स अब सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहे हैं, लेकिन कमजोर यूजर्स के लिए हानिकारक।
बिजनेस रिसर्च इनसाइट्स की 2025 रिपोर्ट में अनुमान है कि एआई साथी का बाजार 2025 में 366.7 अरब डॉलर से 2035 तक 972.1 अरब पहुंच जाएगा। बुजुर्गों को ये दवा के लिए रिमाइंडर और हेल्थ मॉनिटरिंग की सुविधा भी देते हैं। चीन में 2035 तक 60+ आबादी 400 मिलियन होगी, जहां एआई केयरगिवर शॉर्टेज हल करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2030 तक 60+ से अधिक उम्र के 1.4 अरब होंगे। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि एआई साथी कितने भी सहायत हों ये मानवीय स्पर्श की कमी से असली इमोशनल ग्रोथ रोकते हैं।
टेकपॉलिसी प्रेस की सितंबर 2025 रिपोर्ट में बुजुर्ग यूजर्स में एआई निर्भरता ज्यादा पाई गई। एआई के साथ रोजाना ज्यादा समय बिताने से इमोशनल अटैचमेंट बढ़ता है। साइकोलॉजिकल टाइम्स के अनुसार, बुजुर्गों के लिए एआई मददगार लेकिन स्कैमिंग या डेल्यूजनल थिंकिंग वाले के लिए जोखिम भरा। फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ अध्ययन सुझाव देता है कि कंपनियां यूजेज रिपोर्ट और अलर्ट दें। लंबे समय में ये सोशल आइसोलेशन बढ़ा सकते हैं, जिससे क्रिटिकल थिंकिंग कमजोर हो। डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि एआई को सपोर्ट टूल तक सीमित रखें।
Published on:
29 Nov 2025 09:24 am
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