
Air Taxi in India: देश के शहरों में यातायात के तरीके बदलने वाले हैं। अगले दो-तीन साल में कार-बस की तरह पैसेंजर ड्रोन और एयरटैक्सी की सेवा शुरू होने जा रही है। करीब आधा दर्जन स्टार्टअप कंपनियां 2027-28 के बीच कमर्शियल एयरटैक्सी शुरू करने की तैयारी में हैं। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में इन कंपनियों ने एयरटैक्सी, पैसेंजर ड्रोन और ईवीटॉल (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑउ-लैंडिंग एयरक्राफ्ट) को लेकर अपनी योजनाओं, विजन और तैयारी के साथ इनके प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है। इवीटॉल और वर्टिकल टेकऑउ-लैंडिंग एयरक्राफ्ट (वीटॉल) को टेकऑफ और लैंडिंग के लिए रनवे की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ये सड़क, मैदान या मकान की छत पर भी आसानी से लैंड और टेकऑफ कर सकेंगे।
इन एयरटैक्सियों की खास बात यह है की में लोग ओला-उबर टैक्सी सेवा के प्रीमियम राइड जितनी लागत में ही एक शहर से दूसरे शहर या सिटी के अंदर उड़ान भर सकेंगे। सबसे पहले यह सेवा ग्रेटर नोएडा से दिल्ली के बीच और बेंगलूरु जैसे शहर में शुरू होगी। इन कंपनियों का कहना है कि अगले पांच साल में देशभर के प्रमुख शहरों में पैसेंजर ड्रोन और एयरटैक्सी की सेवा शुरू हो जाएगी। ये एयर टैक्सियां कार्गो प्लेन, एयर एम्बुलेंस, ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन और सर्विलांस आदि के लिए सुविधाजनक साबित होंगी।
देश में अभी ईवीटॉल के लिए कोई पॉलिसी नहीं है। इसे देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन्नत वायु गतिशीलता समाधानों और इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग विमानों के लिए एक नियामक सैंडबॉक्स की योजना बना रहा है। नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने कहा है कि इलेक्ट्रिक एयर मोबिलिटी का समय आ गया है। डीजीसीए ने इसके विभिन्न पहलुओं से संबंधित छह कार्य समूह स्थापित किए हैं। नियम बन जाने के बाद देश में एयरटैक्सी हकीकत बन जाएगी।
कमर्शियल की बात करें तो हाइड्रोजन और बैटरी से संचालित होगी। यह एक फुल चार्ज होने पर 300 किलोमीटर के करीब तक सफर तय करेगी। इसे फ्लाइट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाएगा जिसकी क्षमता 7 पैसेंजर की होगी।
ब्लूज एयरस्पेस की 2027-28 से ग्रेटर नोएडा से दिल्ली के बीच एयरटैक्सी चलाने की तैयारी है। कंपनी ने बताया कि एक बार उड़ान भरने की लागत 2000 से 2500 रुपए के बीच होगी।
Updated on:
24 Jan 2025 09:20 am
Published on:
24 Jan 2025 09:18 am
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