
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo-ANI)
Discussion on Operation Sindoor: लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए 'ऑपरेशन महादेव' का भी विस्तार से उल्लेख किया। इस अभियान के तहत पहलगाम में अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकी हमले के दोषियों को मार गिराया गया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विपक्ष, विशेषकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवालों पर तीखा पलटवार किया।
अखिलेश यादव ने सवाल किया था कि ‘ऑपरेशन महादेव’ संसद में बहस के दौरान ही क्यों हुआ? क्या इसका मकसद राजनीतिक लाभ उठाना था?’ इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने नाराजगी जताते हुए कहा, पहलगाम के हमलावरों को कल हमारे सुरक्षाबलों ने उनके अंजाम तक पहुंचाया है। लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ जब सदन में यह सवाल ठहाके लगाकर पूछा गया कि ये कल ही क्यों हुआ? क्या सावन के सोमवार को देखकर किया गया?
प्रधानमंत्री ने तीखे शब्दों में कहा, हद है कि जब सेना आतंकियों को मार गिराती है, तब भी सवाल उठते हैं। जब कार्रवाई नहीं होती, तब भी सवाल उठते हैं। हताशा और निराशा इस हद तक पहुंच गई है कि अब देश की सुरक्षा तक पर राजनीति की जा रही है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब सीमाएं मजबूत होती हैं, तभी लोकतंत्र और विकास फलते-फूलते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जब राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होता है, तभी शास्त्र और ज्ञान की चर्चा संभव है। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की सेना के सशक्तिकरण का प्रमाण है, जिसे हमने बीते एक दशक में आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से साकार किया है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर रक्षा क्षेत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कांग्रेस के शासन में सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोई सोच ही नहीं थी। छोटे-छोटे हथियारों तक के लिए देश विदेशों पर निर्भर रहता था। बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन कैमरा जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं थीं। बोफोर्स और हेलिकॉप्टर सौदे तक घोटालों से भरे पड़े थे। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद रक्षा क्षेत्र की क्षमता को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया गया। रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग को रोका गया। अगर बीते दस सालों में हमने 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा नहीं दिया होता, तो 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसा निर्णायक एक्शन संभव नहीं होता।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सेनाएं आज पहले से कहीं अधिक सशक्त और आधुनिक हैं। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति को इसका बड़ा उदाहरण बताया। यह विचार नया नहीं था, लेकिन पहले की सरकारों में निर्णय लेने की हिम्मत नहीं थी। हमने किया और तीनों सेनाओं ने उसे अपनाया। मैं उनका अभिनंदन करता हूं।
Published on:
29 Jul 2025 08:58 pm
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