
फिल्म 'धुरंधर' में अक्षय खन्ना और पाकिस्तान में बलूचिस्तान विद्रोह। (फोटो: पत्रिका)
Akshaye Khanna Dhurandhar Balochistan Connection: साल 2025 का विदा होता दिसंबर महीना भारतीय मनोरंजन जगत और इंडो पैसिफिक, दोनों के लिए बहुत अहम साबित हो रहा है। इन दिनों आदित्य धर की मल्टी-स्टारर फिल्म 'धुरंधर' (Dhurandhar) की रिलीज और अक्षय खन्ना का किरदार (Dhurandhar movie real story) सुर्खियों में हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में अक्षय खन्ना का नया अवतार भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी खूब लोकप्रिय हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जारी गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच बलूच नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर भारत को लेकर चौंकाने वाले बयान दिए हैं।
'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के निर्देशक आदित्य धर अपनी ताजा बड़ी फिल्म 'धुरंधर' के साथ तैयार हैं। यह फिल्म भारतीय खुफिया एजेंसियों के एक "गोल्डन एरा" (Golden Era) के मिशन पर आधारित है। यह कहानी 1980-90 के दशक के उस दौर की मानी जा रही है, जब भारतीय जासूसों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर रणनीतिक बढ़त हासिल की थी।
अक्षय खन्ना इस फिल्म में एक 'मास्टरमाइंड इंटेलिजेंस ऑफिसर' की भूमिका में हैं, जो एक मिशन के तहत 'रहमान डकैत' का रूप धरते हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि उनका किरदार फील्ड एजेंट्स (रणवीर सिंह) को गाइड करता है। उनका यह बेखौफ अंदाज दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।
फिल्मों में तो भारत अक्सर पाकिस्तान को मात देता दिखता है, लेकिन असल दुनिया में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थिति इस्लामाबाद के हाथ से निकलती हुई दिख रही है। दिसंबर 2025 के पहले हफ्ते में बलूचिस्तान में हुए हमलों के बाद पाकिस्तान सरकार ने फिर से भारत पर आरोप लगाए, लेकिन बलूच नेताओं ने 'X' पर पाकिस्तान की पोल खोल दी।
पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने हालिया बलूच विद्रोह (BLA - Baloch Liberation Army के हमलों) के पीछे "दुश्मन देश की एजेंसियों" का हाथ बताया है। यह पाकिस्तान का पुराना पैंतरा है, जिसका सीधा रटारटाया इशारा भारतीय खुफिया एजेंसी RAW की तरफ होता है।
पाकिस्तानी आरोपों के जवाब में प्रमुख बलूच एक्टिविस्ट्स ने सोशल मीडिया पर तीखे जवाब दिए हैं। महरंग बलोच ने पाकिस्तान सरकार को लताड़ा बलूच नरसंहार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहीं प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) की नेता डॉ. महरंग बलोच ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार को खरी-खोटी सुनाई है।
डॉ. महरंग ने 'X' पर अपने पोस्ट में साफ किया कि बलूचिस्तान की लड़ाई स्थानीय है। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान अपनी नाकामी छिपाने के लिए भारत का नाम घसीटता है। जब बलूच माएं अपने लापता बेटों के बारे में पूछती हैं, तो उन्हें 'भारतीय एजेंट' कह कर चुप करा दिया जाता है।
बलूच पीपल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रोफेसर नायला कादरी अक्सर भारत से मदद की अपील करती रही हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश और ट्वीट के जरिए कहा, "भारत एक विश्वशक्ति (World Power) है। जहां भारत अपने नागरिकों को चांद और मंगल पर ले जा रहा है, वहीं पाकिस्तान बलूचिस्तान में अपने ही लोगों पर F-16 जेट्स से बमबारी कर रहा है।"
नायला कादरी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी यह मुद्दा उठाया था कि भारत को बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन पर हस्तक्षेप करना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे 1971 में बांग्लादेश के लिए किया था।
BLA कमांडर बशीर जेब बलोच के कथित बयानों में अक्सर यह कहा जाता है कि उन्हें किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं है; पाकिस्तान की क्रूरता ही युवाओं को हथियार उठाने पर मजबूर कर रही है।
यह महज एक संयोग है कि जब बॉलीवुड 'धुरंधर' जैसी फिल्मों के माध्यम से भारतीय जासूसों की बहादुरी और पाकिस्तान में उनके प्रभाव को दिखा रहा है, ठीक उसी समय पाकिस्तान खुद यह मान रहा है कि बलूचिस्तान में भारत का 'कथित' प्रभाव इतना गहरा है।
बहरहाल, अक्षय खन्ना की फिल्म भले ही एक काल्पनिक कहानी (Fiction) हो, लेकिन बलूच नेताओं के ट्वीट्स और वहां की जमीनी हकीकत यह बताती है कि पाकिस्तान के लिए 'भारत का डर' अब सिर्फ अपनी कमियां छिपाने का एक बहाना बन गया है, जबकि असली समस्या वहां के स्थानीय लोगों का असंतोष है। ध्यान रहे कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान के कुल क्षेत्रफल का करीब 44% है, लेकिन यह वहां का सबसे गरीब और पिछड़ा प्रांत है।
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Updated on:
14 Dec 2025 06:14 pm
Published on:
14 Dec 2025 04:51 pm
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