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एक हादसे ने बदल दी जिंदगी, 12 साल में 75 हजार हेलमेट: जान बचाने का मिशन जारी

हेलमेट मैन का कहना है कि इन बच्चों के पिता महाराष्ट्र के सच्चे योद्धा हैं, जो अपने परिवार को समय न देकर सड़कों पर ड्यूटी करते हुए लोगों की सेवा में लगे रहते हैं और हर चुनौती में देवदूत बनकर मदद करते हैं।

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Helmet Man of India

लमेट मैन ऑफ इंडिया

अमिताभ बच्चन के आग्रह पर 'हेलमेट मैन ऑफ इंडिया' राघवेंद्र कुमार मुंबई के ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी हेलमेट’ वितरित किए। हेलमेट वितरण से पहले जब प्रत्येक बच्चे के सिर का सटीक माप (हेड मैपिंग) लिया जा रहा था, तो यह दृश्य सभी का ध्यान खींच रहा था, ताकि हर बच्चे को बिल्कुल सही आकार का हेलमेट मिल सके। बच्चों की उत्सुकता और खुशियों से भरी आवाज़ों ने पूरे माहौल को उत्साह से भर दिया।

इसी दौरान जिला कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल भी अपने कार्यालय से बाहर आए और बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता देखकर स्वयं भी हैरान रह गए। कई बच्चों ने अपने पसंदीदा रंगों और कार्टून वाले हेलमेट चुने, जिन पर उनके छोटे-छोटे हीरो भी चित्रित थे। कलेक्टर साहब ने अपनी चार वर्षीय बेटी के लिए भी एक हेलमेट पसंद किया और हेलमेट मैन ऑफ इंडिया का आभार व्यक्त किया।

जिला कार्यालय में अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे नागरिकों के चेहरे पर बच्चों को देखकर बचपन की यादें ताज़ा हो गईं। कई अभिभावक, जो पहले ही अपने बच्चों को स्कूल छोड़ चुके थे, उन्हें वापस लेने के लिए तुरंत स्कूल पहुंचे, ताकि वे भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी हेलमेट’ दिला सकें।

हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार, जो सुप्रीम कोर्ट से चार वर्ष के बच्चों के लिए हेलमेट कानून पारित कराने में सफल रहे हैं, अब स्वयं हर जिले में जाकर इस सुरक्षा अभियान को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने में जुटे हैं। उनका कहना है, 'कानून बनाना आसान था, लेकिन परिवारों में सुरक्षा की आदत विकसित करना सबसे बड़ी चुनौती है।'

इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए वे अब महाराष्ट्र के सभी जिलों में स्कूलों का दौरा कर रहे हैं। ठाणे जिले में जिला प्रशासन की अनुमति से उनकी टीम स्कूल-स्कूल जाकर बच्चों की हेड मैपिंग करेगी और उन्हें रंग-बिरंगे, आकर्षक और सुरक्षित हेलमेट उपलब्ध कराएगी। अभियान के पहले चरण में पुलिसकर्मियों, बस चालकों और ऑटो चालकों के बच्चों को शामिल किया गया है।

हेलमेट मैन का कहना है कि इन बच्चों के पिता महाराष्ट्र के सच्चे योद्धा हैं, जो अपने परिवार को समय न देकर सड़कों पर ड्यूटी करते हुए लोगों की सेवा में लगे रहते हैं और हर चुनौती में देवदूत बनकर मदद करते हैं। इसलिए हमारा दायित्व है कि सबसे पहले उनके बच्चों को संजीवनी बूटी हेलमेट देकर सुरक्षित और खुशहाल भविष्य की ओर बढ़ाया जाए।

इस अभियान का उद्देश्य स्पष्ट है— 'युवा बनने से पहले ही बच्चों में हेलमेट पहनने की आदत विकसित की जाए।' इससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और देश को प्रतिवर्ष होने वाले भारी आर्थिक नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। महाराष्ट्र में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में करीब 80 प्रतिशत बाइक सवार, साइकिल सवार और पैदल यात्री होते हैं, जो सुरक्षा के अभाव और हेलमेट न पहनने का परिणाम है।

हाल ही में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया की उपस्थिति लोकप्रिय शो ‘कौन बनेगा करोड़पति (KBC)’ में भी चर्चा का विषय बनी थी। अमिताभ बच्चन उनसे बेहद प्रभावित हुए और कार्यक्रम में हेलमेट उपहार मिलने पर भावुक हो उठे। अगले ही दिन उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा,
'हेलमेट मैन ऑफ इंडिया को मित्र बनाना मेरा सौभाग्य है।'

नवरात्र के अवसर पर अमिताभ बच्चन ने अपने प्रशंसकों को हेलमेट बांटने के बाद ट्वीट किया कि हेलमेट वितरण की प्रेरणा उन्हें हेलमेट मैन ऑफ इंडिया से मिली है और वे उनके निस्वार्थ कार्य से बेहद प्रभावित हैं। अमिताभ बच्चन ने स्वयं उन्हें महाराष्ट्र की सड़कों पर यह सुरक्षा अभियान जारी रखने का आमंत्रण दिया है।

गौरतलब है कि 12 वर्ष पहले एक सड़क हादसे में अपने मित्र को खोने के बाद राघवेंद्र कुमार ने संकल्प लिया था कि कोई भी व्यक्ति हेलमेट न होने के कारण अपनी जान न गंवाए। तब से अब तक वे भारत के 22 राज्यों में अभियान चलाकर 75 हजार से अधिक हेलमेट नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं और हजारों लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। अब भारतीय सेना भी उनके इस मिशन में साथ खड़ी है।