
Supreme Court का आदेश अनिल अंबानी को चुकाने होंगे 8000 करोड़ रुपए
Anil Ambani: वर्ष 2021 के फैसले के खिलाफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की क्यूरेटिव पिटिशन को अनुमति देते हुए चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ का आदेश एक सुविचारित निर्णय था। साथ ही माना कि सुप्रीम कोर्ट के लिए इसमें हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार नहीं था
नहीं हो सका था न्याय- CJI
पीठ ने कहा कि इस न्यायालय की दो-जजों की पीठ के फैसले में न्याय नहीं हो सका। शीर्ष अदालत ने कहा कि खंड पीठ के फैसले को रद्द करते हुए इस अदालत ने एक स्पष्ट रूप से अवैध आदेश को बहाल कर दिया। इसने एक सार्वजनिक इकाई पर अत्यधिक दायित्व थोप दिया। मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसरण में DMRC द्वारा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म को भुगतान की गई राशि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (PSU) को वापस करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल किया था हाईकोर्ट का ऑर्डर
शीर्ष अदालत ने 9 सितंबर, 2021 को DMRC के खिलाफ लागू होने वाले 2017 के मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था। इसने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को कैसिंल कर दिया था। मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसार, DAMEPL रियायत समझौते के संदर्भ में 2782.33 करोड़ रुपये और ब्याज का हकदार था। 14 फरवरी 2022 तक यह रकम बढ़कर 8,009.38 करोड़ रुपये हो गई।
Updated on:
11 Apr 2024 03:34 pm
Published on:
11 Apr 2024 03:25 pm
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