
मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव। फोटो- (IANS)
बिहार में एनडीए अब जीत की तरफ बढ़ रही है। वहीं, महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के रुझानों में एनडीए ने लगभग 200 सीटों पर बढ़त हासिल की है।
भाजपा ने दोपहर 2 बजे तक 90 सीटों पर बढ़त बनाए रखी, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। इसके अलावा भाजपा की सहयोगी जदयू 80 सीटों पर आगे रही।
एनडीए के अन्य घटक दलों में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 20, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर बढ़त मिली।
वहीं, महागठबंधन में दोपहर दो बजे तक रुझानों में राजद को 29, कांग्रेस को पांच और भाकपा-माले को चार सीटों की बढ़त मिली है। वहीं, मुकेश सहनी की पार्टी का खाता तक नहीं खुला है।
बिहार में करारी हार को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने महागठबंधन पर करारा हमला बोला है।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा- हमने यह मुद्दा भी उठाया कि आपने (महागठबंधन) 2 प्रतिशत वोट वाले एक मल्लाह को उपमुख्यमंत्री घोषित कर दिया। 14 प्रतिशत वोट वाले एक यादव को मुख्यमंत्री घोषित किया। लेकिन 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी को क्यों नहीं किया?
उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा- आखिर मुसलमानों ने क्या गुनाह किया है? बिहार में 19 प्रतिशत मुसलमान हैं। क्या उनमें से कोई भी उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? तेजस्वी हमारे पार्टी अध्यक्ष को चरमपंथी कह रहे हैं, उन्हें अब सभी मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए।
वारिस पठान ने आगे कहा- हमारी पार्टी बिहार में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। आज शाम तक नतीजे स्पष्ट हो जायेंगे। हमें विश्वास है कि इस बार हमारे कई विधायक चुने जाएंगे। जनता ने हमें प्यार, आशीर्वाद और वोटों से नहलाया है।
उन्होंने आगे कहा- हम न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही महागठबंधन का। हमने महागठबंधन के सदस्यों से पहले ही कह दिया था कि धर्मनिरपेक्ष वोटों का बंटवारा रोकने के लिए हमें मिलकर लड़ना चाहिए और हमने छह सीटें मांगी थीं। लेकिन यह उनका अहंकार था।
गौरतलब है कि ताजा रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो यह बिहार में एनडीए की 2010 के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी। 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 206 विधानसभा सीटों पर विजयी हुई।
जदयू 115 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि भाजपा 91 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को महज 25 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें राजद ने अकेले 22 सीटों पर कब्जा किया और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) तीन सीटों पर जीत पाई।
Published on:
14 Nov 2025 02:40 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
