
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फाइल फोटो- पत्रिका)
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में चार जूनियर कांस्टेबलों के साथ करीब 15.30 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इस मामले में गाजुवाका ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में तैनात एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर एम राजू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये सभी कांस्टेबल इसी थाने में राजू के साथ काम करते हैं।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर के हवाले से बताया कि असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर एम राजू ने कथित तौर पर थाने में एक अवैध स्किम चलाई थी, जिसके झांसे में आकर चारों कांस्टेबलों ने अपने पैसे गंवा दिए।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि राजू ने कथित तौर पर अपनी पोस्ट का इस्तेमाल करके जून और अगस्त 2023 के बीच अपने जूनियर साथियों को ऊंचे मासिक रिटर्न का वादा करके पैसे इन्वेस्ट करने के लिए उकसाया था।
पुलिस कांस्टेबल पेद्दिंटी सन्यासी नायडू ने बताया कि एएसआई ने पहले अपने जूनियर्स के साथ अच्छे संबंध बनाए। इसके बाद फिक्स्ड रिटर्न का भरोसा दिलाकर पैसे जमा करा लिए।
इस मामले में गाजुवाका इंस्पेक्टर पर्धा सारथी ने केस दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच चल रही है।
एफआईआर में बताया गया कि आरोपी ने शुरू में भरोसा जीतने के लिए लगभग दो महीने तक एक लाख रुपये पर करीब 10,000 रुपये का रिटर्न दिया।
बाद में अधिकारी ने शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में नुकसान का हवाला देते हुए पैसे देने बंद कर दिए। इस पर जब कांस्टेबलों ने अपने पूरे पैसे वापस मांगे तो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर ने लौटने से साफ इनकार कर दिया। कांस्टेबलों ने बताया कि अधिकारी ने उन्हें धमकी भी दी।
आंध्र प्रदेश में साल 2025 के दौरान फायदे का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। उधर, 2024 की तुलना में इस साल साइबर अपराधों में कमी देखी गई है।
2025 में साइबर ठगी के मामले में 2,853 से घटकर 1,771 मामले हो गए हैं। लोगों ने साइबर अपराधों में लगभग 751 करोड़ रुपये खो दिए हैं, लेकिन पुलिस ने 89 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं और 2.21 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं।
Published on:
25 Dec 2025 11:35 am
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