
अगर आप बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं तो इस खबर के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। गौरतलब है कि, आरबीआई ने बैंक लॉकर नियमों को बदलने का फैसला किया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लॉकर में सेफ डिपॉजिट और बैंक द्वारा दी जाने वाली सेफ कस्टडी फैसिलिटी के लिए भी नई गाइडलाइंस जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक जिस जगह पर लॉकर रखा गया है, उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी। इसमें कहा गया है कि लॉकर में चोरी, डकैती, आग या सेंधमारी की स्थिति में बैंक अपने दायित्व से नहीं हट पाएगा। इन मामलों में बैंक का दायित्व लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना तक हो जाएगा। मतलब यह हुआ कि बैंक ग्राहक को लॉकर का सालाना किराए का 100 गुना ज्यादा देगा।
नए साल से बदले गए नियम
1. जिन लोगों के पास पहले से ही ऑपरेटिव लॉकर हैं, उन लोगों से बैंकों के पास करंट लॉकर होल्डर या टर्म डिपॉजिट मांगने की अनुमति नहीं है।
2. अगर बैंकों द्वारा लॉकर का किराया पहले ही वसूल कर लिया गया है, तो ग्राहकों को अग्रिम राशि की एक विशेष राशि वापस कर दी जाएगी। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं जैसी स्थितियों में बैंक अपने ग्राहक को जल्द से जल्द सूचित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
3. यदि लॉकर में रखी गई सामग्री को नुकसान पहुंचता है, तो बैंकों को हमेशा एक व्यापक बोर्ड स्वीकृत नीति के साथ तैयार रहना होगा जिसमें उनके द्वारा रखने वाले का विवरण दिया गया हो।
4. नए नियमों के अनुसार बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर को किसी भी प्रकार के नुकसान पहुँचने के मामले में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
5. बैंक कर्मी या बैंक प्रोफेशनल्स द्वारा किए गए धोखाधड़ी और आग या इमारत ढहने की स्थिति में बैंक को सालाना रेंट की राशि का 100 गुना देना पड़ेगा।
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Published on:
28 Dec 2021 04:06 pm
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