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Jammu Kashmir Election Result से पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ये मामला, जानें क्या पड़ेगा असर?

Jammu Kashmir News: याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों पर गंभीर असर पड़ रहा है और संघवाद की भावना का भी उल्लंघन हो रहा है"।

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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा समयबद्ध तरीके से बहाल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 10 महीने बाद भी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है जिससे "जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों पर गंभीर असर पड़ रहा है और संघवाद की भावना का भी उल्लंघन हो रहा है"। इसमें कहा गया है कि "राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले विधानसभा का गठन जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार की शक्ति को गंभीर रूप से कम कर देगा, जिससे संघवाद की भावना का गंभीर उल्लंघन होगा जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है"।

इंजीनियर ने दर्जा ना मिलने तक सरकार ना बनाने का किया आग्रह

हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुए। नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाने हैं। वहीं सांसद इंजीनियर राशिद ने सोमवार को इंडिया ब्लॉक, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और अन्य पार्टियों से एकजुट होने और जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक सरकार न बनाने का आग्रह किया। संविधान के अनुच्छेद 370 के संबंध में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान पर भरोसा करते हुए यह सवाल खुला छोड़ दिया था कि क्या संसद किसी राज्य को एक या अधिक केंद्र शासित प्रदेशों में बदलकर राज्य का दर्जा को खत्म कर सकती है।

राज्य का दर्जा बहाल होने में लगेगा समय

हालांकि, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत गठित जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया था और कहा था कि "राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा"। संविधान पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एस.के. कौल, संजीव खन्ना, बी.आर. गवई और सूर्यकांत भी शामिल थे, ने संविधान के अनुच्छेद 3(ए) के तहत लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बरकरार रखा, जो किसी भी राज्य से एक क्षेत्र को अलग करके केंद्र शासित प्रदेश के गठन की अनुमति देता है। मौखिक सुनवाई के दौरान, एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्र कोई सटीक समय सीमा नहीं दे सकता है और जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल होने में कुछ समय लगेगा।