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उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से की अपील, जानें क्या कहा

उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से अपील की। उन्होंने कहा- उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव 2-3 दिन में होने वाले हैं। मेरी सभी से दरखास्त है कि देश के हित में सोच-समझकर मतदान करें।

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भारत

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Ashib Khan

Sep 07, 2025

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी ने सांसदों से की अपील (Photo-IANS)

उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होंगे। इससे पहले इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से अपील की है। उन्होंने कहा कि उनके लिए वोट देना केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं होगा, बल्कि भारत की भावना के लिए वोट होगा। इस चुनाव में सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला NDA प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन से है। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।

‘चुनाव में कोई पार्टी व्हिप नहीं’

सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से अपील करते हुए कहा- इस चुनाव में कोई पार्टी व्हिप नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के प्रति प्रेम ही आपकी पसंद का मार्गदर्शन करेगा। मैं आपका समर्थन अपने लिए नहीं, बल्कि उन मूल्यों के लिए चाहता हूं जो हमें एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करते हैं।

‘देश हित में करें मतदान’

उन्होंने सांसदों से कहा कि उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव 2-3 दिन में होने वाले हैं। मेरी सभी से दरखास्त है कि देश के हित में सोच-समझकर मतदान करें। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जो भी निर्णय लेंगे, वो मेरे या आपके हित में नहीं, बल्कि देश के हित में होगा। 

‘भारत की आत्मा के लिए वोट’

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी ने आगे कहा कि जो भी आपका निर्णय होगा, मैं वो स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। ये देश हम सबका है। देश को संभालकर रखना, हम सभी की जिम्मेदारी है। यह केवल उप-राष्ट्रपति पद के लिए वोट नहीं है, ये भारत की आत्मा के लिए वोट है।

‘लोकतांत्रिक स्थान सिकुड़ रहा’

उन्होंने कहा- राज्यसभा एक ऐसा सदन होना चाहिए जहां राष्ट्रीय हितों को दलगत चिंताओं से ऊपर रखा जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में लोकतांत्रिक स्थान सिकुड़ रहा है, इसलिए “गणतंत्र की आत्मा की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।”

जगदीप धनखड़ ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया। धनखड़ ने अपने पत्र में कहा कि वह अपनी सेहत को प्राथमिकता दे रहे हैं और चिकित्सीय सलाह का पालन कर रहे हैं। हालांकि, विपक्ष और कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने दावा किया कि इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य के अलावा अन्य सियासी कारण भी हो सकते हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा पैदा की।