
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- ANI)
बेंगलुरु की अदालत ने 27 साल के रैपिडो बाइक चालक को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है। उसपर कथित तौर पर एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
आरोपी की पहचान महेश यमनूर के रूप में हुई है। उसकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र न्यायाधीश राजीव गौड़ा ने कहा कि आरोपी ने ऐसा अपराध किया है, जिससे महिलाओं के आत्मसम्मान और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।
न्यायमूर्ति यमनूर ने आगे कहा कि आजकल इस प्रकार की गतिविधियां समाज में तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता, खासकर महिलाओं, स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को काफी परेशानी के साथ मानसिक पीड़ा हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदात से महिलाओं की गरिमा प्रभावित होती है। इसलिए, इस प्रकार की गतिविधियों को शुरुआती चरण में ही रोकना होगा। बता दें कि पीड़िता ने एचएएल पुलिस स्टेशन में रैपिडो ड्राइवर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पीड़िता के मुताबिक, 7 सितंबर, 2025 को सुबह 9 बजे उसने कुंडलाहल्ली मेट्रो स्टेशन से अपने पीजी के लिए एक रैपिडो बाइक बुक की थी। रास्ते में रैपिडो ड्राइवर ने महिला को गंदी नीयत से छुआ।
जब महिला ने विरोध किया, तो उसने तुरंत माफी मांग ली और गाड़ी चलाता रहा। लड़की को उसके डेस्टिनेशन पर छोड़ने के बाद ड्राइवर अपने फोन पर अश्लील वीडियो देखने लगा। उसके प्राइवेट पार्ट दिख रहे थे। देखते ही देखते वह अश्लील हरकतें भी करने लगा।
उसकी गंदी हरकतों को देखकर पीड़िता ने उसे पैसे देने से साफ इनकार कर दिया। इसपर ड्राइवर ने पीड़िता को घेर लिया और कहा कि तुम काफी हॉट हो।
वहीं, आरोपी ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में कहा कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। इस अपराध के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
वहीं, आरोपी की दलील पर सरकारी वकील ने आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि आरोपी के अपराधों में शामिल होने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। जांच चल रही है और हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो पीड़िता के साथ वही घटना दोहराने की संभावना है। साथ ही शिकायतकर्ता व गवाहों को जान का भी खतरा है। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
Published on:
05 Oct 2025 10:44 am
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