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बिहार चुनाव: तीसरा विकल्प बनकर उभरने की कवायद, PK की जनसुराज में कौन-कौन हैं कद्दावर नेता

प्रशांत किशोर दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ चुनकर आएगी। आइए जानते हैं पीके की पार्टी में कौन-कौन से चेहरे निर्णायक फैसले लेते हैं।

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प्रशांत किशोर (जनसुराज नेता)

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। जनता के सामने इस बार तीन विकल्प हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज (Jansuraj) को तीसरा विकल्प बनकर उभरी है। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि वह इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। 2 अक्टूबर 2024 को लॉन्च इस पार्टी ने 2025 विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी का फोकस विकास, पारदर्शिता और जाति-आधारित राजनीति से मुक्ति है।

पीके के अलावा कौन-कौन है पार्टी के मुख्य स्तंभ

उदय सिंह ऊर्फ पप्पू सिंह: जन सुराज पार्टी ने मई 2025 में पूर्व भाजपा सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। 1952 में जन्मे सिंह पूर्णिया से 2004 और 2009 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे। 2014 में हार के बाद कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन 2019 में फिर असफल रहे। 2024 में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। पप्पू सिंह राजनीतिक घराने से आते हैं। उनकी मां माधुरी सिंह भी पूर्णिया से सांसद रह चुकी हैं।

मनोज भारती: पूर्व IFS अधिकारी मनोज भारती जनसुराज पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष हैं। आईआईटी कानपुर और दिल्ली से पढ़ाई पूरा करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की ओर रूख किया। भारती, चार देशों में भारत के राजदूत रह चुके हैं। 2025 विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति और संगठन विस्तार में उनकी भूमिका अहम है।

पवन वर्मा: जेडीयू, आप और टीएमसी जैसे दलों में सक्रिय रह चुके पवन वर्मा ने साल 2024 में जनसुराज की सदस्यता ली। वह मीडिया में पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते हैं। जन सुराज की 51 उम्मीदवारों वाली पहली सूची जारी होने के बाद वर्मा ने कहा कि बिहार को नई दिशा देंगे।

आरसीपी सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कुछ महीने पहले ही जनसुराज पार्टी ज्वाइन किया। उन्होंने अपनी नई नवेली पार्टी आसा का भी जनसुराज में विलय किया। आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह पूर्व में सिविल सेवा अधिकारी भी रहे हैं। RCP के पास लंबा सांगठनिक कौशल अनुभव है।