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सीट शेयरिंग से पहले VIP ने इतनी सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, महागठबंधन विवाद पर मुकेश सहनी ने कही ये बात

Bihar Elections: मुकेश सहनी ने कहा कि हमारी पार्टी पहले ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुकी है। हमारी यह मांग पहले दिन से ही है कि वीआईपी को सम्मानजनक सीटें मिलें।

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विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी (Photo-ANI)

Bihar Elections: बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सभी प्रमुख दल चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की सरकार बनने पर उपमुख्यमंत्री पद की दावेदार होगी।

60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वीआईपी

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सहनी ने कहा, यह कोई नई घोषणा नहीं है। हमारी पार्टी पहले ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुकी है। हमारी यह मांग पहले दिन से ही है कि वीआईपी को सम्मानजनक सीटें मिलें और हमारी भागीदारी सत्ता में भी सुनिश्चित हो।

सीट को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं

उन्होंने कहा कि महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन हो चुका है और सभी दलों के बीच सकारात्मक माहौल में बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया जाएगा। दो-चार सीट कम या ज्यादा होना कोई बड़ी बात नहीं है। हमारा उद्देश्य विचारों की लड़ाई लड़ना और गरीब, वंचित, पिछड़े समाज को उनका हक दिलाना है।

चिराग पासवान पर कसा तंज

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान द्वारा सरकार के विरोध में दिए गए बयानों पर तंज कसते हुए सहनी ने कहा, या तो वे सीटों की संख्या बढ़ाना चाह रहे हैं या फिर उनकी अंतरात्मा जाग गई है। उन्हें अब समझ आ रहा है कि मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर गरीब और दलितों के वोट काटे जा रहे हैं। बाबासाहेब अंबेडकर ने जो अधिकार दिलाए थे, उन्हें छीना जा रहा है, तो तकलीफ तो होनी ही है।

सहनी ने यह भी कहा कि चिराग पासवान का उद्देश्य शायद सरकार पर दबाव बनाना है, ताकि उन्हें सीटों में बढ़त मिल सके। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वीआईपी महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़ी है और उसका मकसद सरकार बनाना है, न कि केवल सीटों के लिए सौदेबाजी करना।