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‘मरे हुए लोगों’ के साथ राहुल गांधी ने पी चाय, वीडियो भी शेयर किया

Bihar SIR: राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस सांसद ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर चुनाव आयोग पर तंज करते हुए लिखा, जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था।

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने वोटर लिस्ट में 'मृत वोटरों' के साथ चाय पी। (Photo-ANI)

Bihar SIR: बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इन विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर घमासान मचा हुआ है। SIR को लेकर विपक्ष दलों ने भारतीय चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विपक्ष के नेता एक के बाद चुनाव आयोग पर फर्जी वोटर के आरोप लगा रहे है। इसी बीच बिहार SIR पर एक नया बवाल सामने आया है।

कभी 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था: राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस सांसद ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर चुनाव आयोग पर तंज करते हुए लिखा, जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था। इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग!

पिंकी देवी के घर में 10 अज्ञात वोटर दर्ज

बिहार में मतदाता सूची में कथित फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। पिंकी देवी ने दावा किया है कि उनके घर के पते पर 10 अलग-अलग वोटरों के नाम दर्ज हैं, जिनमें विभिन्न जातियों के लोग शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि पिंकी देवी का कहना है कि वह इन लोगों को नहीं जानतीं। उन्होंने इसे फर्जी वोटरों की साजिश करार देते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पिंकी देवी का दावा है कि इन फर्जी वोटरों के सहारे बीजेपी ने बिहार में अपनी सरकार बनाई।

चुनावी सिस्टम पर सवाल

यह मामला बिहार की मतदाता सूची में गड़बड़ी के पुराने आरोपों को फिर से हवा दे रहा है। पिंकी देवी ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की है। उनका कहना है कि उनके घर में रहने वाले परिवार के अलावा कोई और नहीं है, फिर भी 10 अज्ञात लोगों के नाम वोटर लिस्ट में कैसे शामिल हो गए?

जांच की मांग तेज

इस खुलासे के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला बिहार में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। फिलहाल, स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है।