वरुण गांधी ने ट्वीट किया कि कोरोना के भयावह कालखंड का तटस्थ आंकलन करें, तो इसका सबसे बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है। जिनके जीवन का सबसे अहम समय महामारी की भेंट चढ़ गया उन मेहनतकश छात्रों के भविष्य की चिंता करना हमारा कर्तव्य है। विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 2 वर्षों की छूट देने पर विचार हो।
कोरोना के भयावह कालखंड का तटस्थ आँकलन करें, तो इसका सबसे बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 1, 2022
जिनके जीवन का सबसे अहम समय महामारी की भेंट चढ़ गया उन मेहनतकश छात्रों के भविष्य की चिंता करना हमारा कर्तव्य है।
विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 2 वर्षों की छूट देने पर विचार हो।
बताते चले कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 2019-2020 में होने वाली कई प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी थी। लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक कॉलेज, कोचिंग भी बंद थे। ऐसे में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों छात्र-छात्राओं का दो साल का समय यूं ही व्यर्थ निकल गया। छात्र संगठन उम्रसीमा में छूट दिए जाने की मांग पहले से कर रहे हैं। इस बीच सांसद वरुण गांधी ने भी सरकार से उम्रसीमा में छूट दिए जाने की मांग की है।
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यहां यह भी बता दें कि इससे पहले भी वरुण गांधी कई बार छात्रों के हक में आवाज उठाते दिखे है। बीते दिनों ही उन्होंने रेलवे में पदों की समाप्ति को लेकर सरकार को घेरा था। वरुण गांधी ने ट्वीट किया था कि विगत 6 वर्षों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी में 72000 हजार पद समाप्त कर चुका रेलवे अब NCR जोन के 10000 पदों को भी समाप्त करने जा रहा है। समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही हैं. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम?'