scriptUP के इस नेता को मंत्री बनाकर जीत की इबारत लिखने में जुटी BJP, जानिए क्या है छोटे चौधरी का हरियाणा कनेक्शन | BJP wants to win Haryana Assembly elections 2024 making Jayant Chaudhary minister | Patrika News
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UP के इस नेता को मंत्री बनाकर जीत की इबारत लिखने में जुटी BJP, जानिए क्या है छोटे चौधरी का हरियाणा कनेक्शन

PM Modi New Cabinate: राष्ट्रीय लोक दल मुखिया जयंत चौधरी को यूपी से नया सियासी चौधरी बनाकर बीजेपी हरियाणा के जाटों को साधने की तैयारी हो रही है।

नई दिल्लीJun 11, 2024 / 03:36 pm

Prashant Tiwari

राष्ट्रीय लोक दल मुखिया जयंत चौधरी को यूपी से नया सियासी चौधरी बनाकर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। जयंत को यूपी से बड़े जाट चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसके जरिए हरियाणा और राजस्थान को साधने की तैयारी हो रही है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि एनडीए में जुड़ने से जयंत का बहुत फायदा हुआ है। 2014 में मोदी लहर के कारण इनकी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। 2019 में भी वह सपा-बसपा गठबंधन में रहते हुए अपनी सीटें हार गए। जयंत को बागपत और अजीत सिंह को मुजफ्फरनगर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। 2021 में पिता अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत ने रालोद की कमान संभाली।
BJP wants to win Haryana Assembly elections by making Jayant Chaudhary a minister.
22 में बढ़ा कद 24 में मिला मंत्री पद

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर रालोद ने आठ सीटें जीती। इसके बाद खतौली उपचुनाव में भी जीत कर अपनी संख्या बढ़ा ली। अब भाजपा के साथ गठबंधन करने से दोनों दलों को फायदा मिला है। जयंत ने न सिर्फ दो सीटें जीती, बल्कि भाजपा की कई जाट बहुल इलाकों में वोट भी ट्रांसफर करवाए। मथुरा, मेरठ दोनों जगह उन्होंने खूब मेहनत की। इसके साथ ही रालोद के प्रभाव वाली फतेहपुर सीकरी, बिजनौर, अमरोहा, हाथरस, अलीगढ़, पीलीभीत, बरेली सीट भाजपा जीतने में सफल रही। हालांकि मुजफ्फरनगर में भी जयंत ने पूरी ताकत लगाई, लेकिन दोनों तरफ जाट नेता बहुत मजबूत थे। इस कारण भाजपा को कामयाबी नहीं मिल सकी।
पुराने छत्रपों के एकाधिकार को तोड़ने की कोशिश

भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है कि पुराने और स्थापित जाट नेता एकक्षत्र राज के चक्कर में आपस में विवाद कर रहे हैं। जिसका नुकसान पार्टी को हुआ। उससे प्रभावित कई सीटें भाजपा को नुकसान दे गई। पार्टी अब समझ चुकी है। इसी कारण अब जयंत को आगे किया गया है। उन्हें भाजपा के जीते सांसदों से ज्यादा तवज्जो दी गई। उनका लाभ आने वाले विधानसभा या अन्य जातिगत समीकरण को ठीक करने में काम आयेगा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिखेगा असर

वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि भाजपा को जयंत का साथ मिलना फायदा देता दिख रहा है। इस कारण उन्हें खूब तवज्जो भी मिल रही है। जयंत ने न सिर्फ लोकसभा हारे जिलों में भाजपा के लिए सफलता के झंडे गाड़े, बल्कि अपने जाट वोटों पर मजबूत पकड़ का उदाहरण पेश किया। उन्होंने बताया जयंत के माध्यम से नाराज किसानों को अपने पाले में लाने का प्रयास सरकार करेगी। भाजपा हरियाणा और 2027 में होने होने वाले चुनाव के लिए इनके चेहरे का इस्तेमाल कर सकती है।

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