अहमदाबाद विमान हादसे (Ahmedabad Plane Crash) के बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ( Dreamliner) विमान को लेकर खबरें सामने आने लगी हैं। एयरो इनसाइड के अनुसार, ड्रीमलाइनर प्लेन में इंजन, गियर, फ्लैप, कैबिन प्रेशर में कमी और ऊंचाई से जुड़ी समस्याएं सामने आई हैं। एयर इंडिया (Air India) खुद भी इससे जुझ रहा है। 13 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली (New Delhi) से बर्मिंघम यात्रा करते समय फ्लाइट AI-113 ने बर्मिंघम के रनवे 15 पर नोज गियर में हाइड्रोलिक लीक की सूचना दी। लैंडिंग के समय विमान को टो करके ले जाया गया। जिसके बाद विमान को 28 घंटे के लिए ग्राउंडेड कर दिया गया।
साल 2011 में एयर इंडिया ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को अपने बेड़े में शामिल किया था। यह 186 फीट लंबा विमान है। इसके पंखों का फैलाव 197 फीट है। यह 248 यात्रियों को ले जाने में सक्षम है। विमान की रेंज 13,530 किलोमीटर है। जनरल इलेक्ट्रिक JENX-1B/रोल्स रॉयस ट्रेंट 100 इंजन द्वारा संचालित होता है।
साल 2013 के मार्च महीने में जापान एयरलाइंस 787 विमान में दो बार ईंधन रिसाव की समस्या हुई। जिसके कारण विमान उड़ान नहीं भर पाया। इसी तरह यूनाइटेड एयरलाइंस 787 विमान में मुख्य बैटरी में समस्या की सूचना मिली थी। इसके बाद जापान और यूनाइटेड स्टेट्स दोनों सरकारों ने व्यापक समीक्षा करते हुए इसके विमानों के बेड़े को उड़ान से रोक दिया।
बोइंग ने भारत में एयर इंडिया को अत्यधिक आंधी आने वाले क्षेत्र में ड्रीमलाइनर को उड़ाने से बचने की सलाह दी थी। क्योंकि इससे इंजन पर बर्फ जमने का खतरा बढ़ जाता है। इसी के चलते दिल्ली टोक्यो मार्ग पर विमान को वापस लेना पड़ा था। एयर इंडिया का दिल्ली-कोलकाता 787 विमान विंडशील्ड में दरार आने के बाद दिल्ली लौट आया।
अपने बेड़े में शामिल करने के बाद एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर बेड़े को 136 छोटी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा। जिससे एयर इंडिया को करोड़ों रुपए का नुकसान भी हुआ। इन समस्याओं के सामने आने के साथ साथ अमेरिका में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन बोइंग की ड्रीम लाइनर की जांच में जुट गई।
साल 2015 से 2024 के बीच एयर इंडिया की 787 ड्रीम लाइनर में कई गड़बड़ियां सामने आईं। लगभग 32 घटनाएं हुईं। तकनीकी समस्याओं के कारण दुर्घटना में कई यात्री घायल हुए, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। अहमदाबाद घटना इकलौती ऐसी घटना है जिसमें मौतें हुईं।
साल 2024 में बोइंग इंजीनियर सैम सालेहपुर ने इस विमान की संचरना को लेकर सवाल उठाए थे। सैम ने कहा था कि विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने विमान बनाते समय कुछ शॉर्टकट अपनाए थे। सैम ने कहा था कि 787 ड्रीमलाइनर विमान के फ्यूजलैज के कुछ हिस्सों को गलत तरीके से जोड़ा गया। हजारों उड़ानों के बाद वे हवा में ही टूटकर अलग हो सकते हैं।
बोइंग के एक पूर्व कर्मचारी जॉन बार्नेट की साल 2017 में रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। अपनी मौत से पहले वह कंपनी के खिलाफ एक व्हिसलब्लोअर मुकदमे में गवाही दे रहे थे। बार्नेट ने बोइंग कंपनी में 30 सालों तक काम किया। बार्नेट ने BBC को बताया था कि बोइंग ने 787 ड्रीमलाइनर के निर्माण में घटिया पुर्जों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि विमान बनाने की जल्दबाजी में सुरक्षा मानकों से समझौता किया गया। असेंबली प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई।
बार्नेट ने बताया कि घटिया पुर्जों को कबाड़ के डिब्बों से निकालकर विमान में फिट किया गया था, ताकि समय पर विमान तैयार किए जा सकें। उन्होंने दावा किया था कि आपातकालीन ऑक्सीजन सिस्टम में भी गड़बड़ी थी। बार्नेट ने बीबीसी को बताया कि इस मामले को उन्होंने बोइंग कंपनी के प्रबंधकों के सामने भी उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बोइंग ने बार्नेट के दावों का खंडन किया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड द्वारा साल 2017 में की गई समीक्षा में बार्नेट की कुछ बातों को रखा गया। जिसके बाद बोइंग को सुधारात्मक कारवाई करने के आदेश दिए।
गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लंदन जा रही इस फ्लाइट में 242 लोग मौजूद थे। विमान हादसे गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी समेत 265 यात्रियों की मौत हो गई। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल का दौरा करेंगे।
Updated on:
13 Jun 2025 10:16 am
Published on:
13 Jun 2025 09:10 am