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Ahmedabad Plane Crash Inquiry: इंजन फेल या बर्ड हिटिंग, इन कारणों से विमान होते हैं हादसे का शिकार

एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई। अब विशेषज्ञ हादसे के कारणों की जांच में जुट गए हैं।

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Ahmedabad Plane Crash

Ahmedabad Plane Crash। (Image Source; Patrika)

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति हादसे में जिंदा बच गया। एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे की जांच में अमेरिका (America) ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने घोषणा की है कि वह एक विशेषज्ञ जांच दल भारत भेज रहा है, जो भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के साथ मिलकर इस हादसे की जांच में सहयोग करेगा।

इंजन फेल हो जाना, सबसे बड़ा कारण

विमान हादसे का सबसे बड़ा कारण इंजन का फेल हो जाना माना जाता है। यात्री विमान में दो इंजन होते हैं। अगर एक इंजन फेल होता है तो दूसरा इंजन काम करता है। जिससे विमान अधिक सुरक्षित रहता है। विशेषज्ञ अहमदाबाद केस में इंजन फेल होने की गुंजाइश न के बराबर मान रहे हैं।

बर्ड हीटिंग से लगी इंजन में आग

विमान हादसे का दूसरा बड़ा कारण बर्ड हिटिंग को माना जाता है। अगर कोई चिड़िया या वस्तुम विमान से टकरा गई तो प्लेन में आग लग जाती है। वह क्रैश हो जाता है, लेकिन अहमदाबाद में जब एयर इंडिया का विमान नीचे गिर रहा था तो इसमें कहीं ऐसा नहीं दिख रहा कि उसमें आग लगी हो। प्लेन नीचे गिरने के बाद ब्लास्ट होता है।

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तकनीकी खराबी के कारण विमान हादसे का शिकार

हादसे का तीसरा बड़ा कारण तकनीकी खराबी को माना जाता है। वैसे फ्लाइट टेक ऑफ से पहले फ्लाइट की पूरी तरह जांच होती है। इस दुर्घटना में तकनीकी खराबी को हादसे का कारण बताया जा रहा है। पायलट ने आखिरी समय में ATC से संपर्क करते हुए कहा था कि उन्हें थ्रस्ट नहीं मिल रहा है।

विमान हादसे का चौथा कारण STALL

विमान हादसे का चौथा कारण STALL होता है। विमान तब अचानक हवा से जमीन की तरफ आने लगता है, जब उसके विंग्स को ऊपर उड़ने के लिए पर्याप्त हवा न मिल पाए। दरअसल, विमान को टेकऑफ करने के लिए मेक्सिमम स्पीड 300 KMPH हासिल करना होता है। अगर एक बार प्लेन इस स्पीड पर पहुंच गया तो फिर पायलट के पास रुकने का समय नहीं होता है।

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1 लाख 26 लीटर फ्यूल के चलते क्रैश होते ही बना आग का गोला

विमान क्रैश होते ही आग का गोला बन गया। विमान में ईंधन भरा हुआ था। क्रैश होते ही फ्यूल में आग लग गई। जानकारी के मुताबिक इस विमान की टोटल फ्यूल कैपेसिटी 1 लाख 26 हजार लीटर की है। इसे लंदन तक यात्रा करने के लिए करीब 55 हजार लीटर फ्यूल की जरूरत थी। विमान अतिरिक्त ईंधन लेकर रवाना हुआ था। दरअसल, कई बार किन्हीं कारणों से विमान को लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलती है। इस दौरान विमान को हवा में रहना होता है। इसलिए विमान अपनी जरूरत के हिसाब से अतिरिक्त ईंधन लेकर रवाना होता है।