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राहुल गांधी के खिलाफ चलेगा राष्ट्रद्रोह मामला? लखनऊ कोर्ट में याचिका दाखिल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी विवादों में घिर गए हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और षड्यंत्र के आरोपों को लेकर एक परिवाद दर्ज किया गया है।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Phoro-ANI)

Case Filed Against Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी विवादों के घेरे में आ गए हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह (IPC धारा 124A) और आपराधिक षड्यंत्र (धारा 120B) के आरोपों का परिवाद दर्ज हो गया है। यह मामला 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय (इंदिरा भवन) उद्घाटन के दौरान दिए गए बयान से जुड़ा है, जिसमें राहुल ने कहा था, हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं। परिवादकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने इसे राष्ट्रविरोधी और देश तोड़ने की साजिश करार दिया है। विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा ने परिवाद स्वीकार कर लिया है, और अगली सुनवाई 1 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।

उद्घाटन के दौरान 'गणराज्य से लड़ाई' का ऐलान

कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन समारोह में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा-आरएसएस ने देश की संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है और कांग्रेस लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रही है। यह बयान वायरल हो गया, जिस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। परिवाद में पांडेय ने आरोप लगाया कि यह बयान सोच-समझकर, पूरी मानसिक स्थिरता के साथ दिया गया, जो संभवतः विदेशी ताकतों के इशारे पर था। उन्होंने कहा, यह गृह युद्ध की स्थिति पैदा करने की साजिश है। परिवाद में राहुल समेत मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे अन्य कांग्रेस नेताओं को भी तलब करने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता का तर्क: संवैधानिक संस्थाओं पर हमला, नेपाल जैसी अराजकता का खतरा

अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने कहा, राहुल ने जानबूझकर कहा कि वे भाजपा-आरएसएस के अलावा भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं। यह राजनीतिक दलों से नहीं, बल्कि संविधान और संस्थाओं से युद्ध का ऐलान है। उन्होंने राहुल के अन्य बयानों का हवाला दिया, जैसे लोकतंत्र खत्म होने, चुनावों में धांधली और युवाओं से 'लोकतंत्र बचाओ' की अपील। पांडेय ने चेतावनी दी, यह नेपाल जैसी अराजकता पैदा करने की कोशिश है। परिवाद में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के तहत सजा की मांग की गई है।

कांग्रेस का बचाव: राजनीतिक बयानबाजी, कोई राष्ट्रद्रोह नहीं

कांग्रेस ने अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह बयान संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ था, न कि देश के खिलाफ। राहुल पहले भी विवादों में रहे हैं – 2022 के 'मोदी सरनेम' वाले बयान पर दो साल की सजा, जो सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने चीनी घुसपैठ वाले बयान पर उनकी आलोचना की थी। भाजपा ने इसे 'राष्ट्रविरोधी' करार दिया, जबकि विपक्ष इसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' बता रहा है।