एक बच्चे की कीमत 5 लाख
एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई बच्चों को बेचने वाली दोनों महिलाओं और उन्हें खरीदने वालों से भी पूछताछ कर रही है। इस मामले में सीबीआई की जांच अब कई राज्यों तक पहुंच गई है और कई प्रमुख अस्पताल गहन जांच के दायरे में आ गए हैं। जांच में ये भी पता चला है कि नवजात बच्चों को को 4 से 5 लाख रुपये तक की ऊंची रकम में बेचा जा रहा था।
दिल्ली के बाहर भी फैला है तंत्र
बताया जा रहा है कि नवजात बच्चों की तस्करी की जांच का दायरा दिल्ली की सीमाओं से कहीं आगे तक फैला हुआ है। अकेले दिल्ली एनसीआर में ही सीबीआई ने 7-8 बच्चों की तस्करी के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक वार्ड बॉय और महिलाएं भी शामिल है।
खरीदार का इंतजार कर रहे थे तस्कर
अधिकारी ने बताया कि टीम एक घर में पहुंची, जहां दो महिलाओं के पास एक नवजात बच्ची थी। पुलिस उपायुक्त ने बताया “जब महिलाओं से पूछताछ की गई, तो वे बच्ची के माता-पिता के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। बाद में, उन्होंने स्वीकार किया कि वे एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़ी हैं, जो विभिन्न राज्यों में नवजात शिशुओं को खरीदता और बेचता है। बच्ची को पंजाब के मुक्तसर से 50,000 रुपये में खरीदा गया था और खरीदार का इंतजार किया जा रहा था।”
पिछले महीने 10 बच्चे बेचे
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक अस्पताल का वार्ड बॉय और कई अन्य महिलाएं शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने में ही लगभग 10 बच्चे बेचे गए है और कुल मिलाकर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले फरवरी में भी दिल्ली पुलिस ने बच्चों की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
टीम का गठन
पुलिस ने बताया कि 20 फरवरी को बेगमपुर थाना इलाके में नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त की सूचना मिली। पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने कहा, “मामले की जांच के लिए तुरंत एक टीम का गठन किया गया। टीम दिए गए पते पर पहुंची और फोन कॉल पर मिले तथ्यों की पुष्टि की।”