
भारत का उच्चतम न्यायालय
नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ के पूछे सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने नोटबंदी के फायदे गिनाए। कहाकि, इसे लागू करने से आठ महीने पहले आरबीआई से परामर्श लिया गया था। केंद्र सरकार ने दायर अपने हलफनामा में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, नवंबर 2016 में 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों को बंद करने का फैसला 'परिवर्तनकारी आर्थिक नीति के तहत उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की श्रृंखला में से एक' थी। और यह फैसला आरबीआई के साथ व्यापक परामर्श और अग्रिम तैयारी के बाद लिया गया था। हालांकि, इस परामर्श और फैसले को गोपनीय रखा गया था। शीर्ष अदालत अगले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई कर सकती है।
एक बड़ा कदम था
केंद्र सरकार ने आगे कहा कि, नकली धन, आतंकवाद के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी के खतरे से निपटने के लिए विमुद्रीकरण भी बड़ी रणनीति का एक हिस्सा था। 8 नवंबर, 2016 को जारी अधिसूचना नकली नोटों के खतरे से लड़ने, बेहिसाब संपत्ति के भंडारण और विध्वंसक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए एक बड़ा कदम था।
अवसर का विस्तार हुआ
केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा कि, नोटबंदी अर्थव्यवस्था की परिधि में रहने वाले लाखों लोगों के लिए अवसरों का विस्तार करने के उद्देश्य से कानूनी निविदा की वापसी अर्थव्यवस्था की बढ़ी औपचारिकता के तहत उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक थी।
डिजिटल भुगतान लेन-देन बढ़ा
इसमें आगे कहा गया है कि डिजिटल भुगतान लेनदेन की मात्रा पूरे वर्ष 2016 में 6,952 करोड़ रुपए मूल्य के 1.09 लाख लेनदेन से बढ़कर अक्टूबर 2022 के एक महीने में 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के 730 करोड़ से अधिक लेनदेन हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब
सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार और आरबीआई से नोटबंदी के फैसले पर डिटेल में जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, केंद्र और आरबीआई 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले पर हलफनामा दाखिल करें। हलफनामे में सरकार ने कहा कि, जाली नोट और टेरर फंडिंग से लड़ने के लिए यह कदम उठाया गया।
केंद्र का हलफनामा
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों की मौजूदा श्रृंखला को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को एक विशेष सिफारिश की। आरबीआई ने सिफारिश को जामा पहनाने के लिए एक ड्राफ्ट स्कीम भी प्रस्तावित की। सिफारिश और ड्राफ्ट पर केंद्र सरकार द्वारा विधिवत विचार किया गया था।
Updated on:
17 Nov 2022 10:32 am
Published on:
17 Nov 2022 10:28 am
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