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PMAY घोटाले पर केंद्र सरकार सख्त, कहा – बंगाल सरकार आरोपियों पर दर्ज करे एफआईआर

पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं के कई मामले पकड़े गए हैं। केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार को आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

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PMAY घोटाले पर केंद्र सरकार सख्त, बंगाल सरकार आरोपियों पर दर्ज करे एफआईआर

पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के क्रियान्वयन में अनियमितताओं के कई मामले पकड़े गए हैं। केंद्र सरकार ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है। और इस पर ऐक्शन लेते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश जारी किया है कि, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के क्रियान्वयन में अनियमितताओं में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को सूचित किया कि केंद्र की निरीक्षण टीमों के पास अनियमितताओं को साबित करने के पर्याप्त सबूत हैं। मुख्य सचिव को लिखे एक नोट में मंत्रालय ने कहा कि अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के अलावा, राज्य सरकार को इस मामले में 10 मार्च तक केंद्रीय मंत्रालय को एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट भी भेजनी चाहिए। केंद्रीय फील्ड निरीक्षण दलों ने राज्य के 10 जिलों में सर्वे किया, जिसमें उन्होंने सात जिलों में गड़बड़ी की पहचान की है। शेष जिलों में क्षेत्र निरीक्षण दौरे करने के उद्देश्य से शीघ्र ही और केंद्रीय दल राज्य का दौरा करने वाले हैं।

सात जिलों की पहचान जहां अनियमितताएं हुई

केंद्रीय निरीक्षण दल द्वारा जिन सात जिलों की पहचान की गई है, जहां अनियमितताएं व्याप्त थीं, वे हैं: दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, मुर्शिदाबाद, नदिया, पश्चिमी मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर और पूर्वी बर्दवान।

अपात्र लोगों को आवासों का आवंटन

सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण टीमों द्वारा पहचान की गई अधिकांश अनियमितताएं अपात्र लोगों को योजना के तहत आवासों के आवंटन से संबंधित हैं। ऐसे उदाहरण भी है, जहां पीएमएवाई के लोगो के बजाय राज्य की अपनी आवास योजना बांग्ला योजना का इस्तेमाल किया गया। मंत्रालय ने राज्य सरकार से उन खंड विकास अधिकारियों और पर्यवेक्षी अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने को कहा है, जिन्होंने ऐसी अनियमितताओं को सुधारने के बजाय स्पष्ट रूप से नजरअंदाज कर दिया।

राजनीतिक गतिरोध शुरू

इस बीच, राजनीतिक गतिरोध शुरू हो गया है। एक तरफ जहां, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसे केंद्र द्वारा राज्य के बकाए को फ्रीज करने के लिए एक बहाना करार दिया है, वहीं विपक्षी भाजपा ने इसे अपने वैध बकाया से हाशिए के वर्गों को वंचित करने के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए सही कदम बताया है।

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