
सीजेआई बीआर गवई (Photo-X)
सीजेआई बीआर गवई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर जूते से हमले की कोशिश मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- जो हुआ उससे मैं बहुत स्तब्ध है। CJI ने आगे कहा- सोमवार को जो कुछ हुआ उससे मैं और मेरे साथी बहुत स्तब्ध हैं। हमारे लिए यह एक भुला दिया गया अध्याय है।
वहीं जस्टिस उज्जवल भुयान ने इस घटना की निंदा की और कहा- इस पर मेरे अपने विचार हैं। वह भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं, यह कोई मज़ाक की बात नहीं है! यह संस्था का अपमान है। इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस घटना की निंदा की और कहा- यह अक्षम्य है।
उन्होंने आगे कहा कि घटना को समाप्त मानकर मुख्य न्यायाधीश की महानता और उदारता प्रशंसनीय थी। बता दें कि सोमवार से ही इस घटना के बाद नेताओं और लोगों में भारी आक्रोश है। पीएम नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस हमले की निंदा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सीजेआई से भी बात की थी।
बता दें कि महाराष्ट्र के ठाणे में गुरुवार को कई अंबेडकरवादी संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने इसे न्यायपालिका का अपमान और संवैधानिक मूल्यों पर हमला" बताया।
सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते समय वकील ने सीजेआई पर जूते से हमला करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और वकील को कोर्ट से बाहर ले गए। जिससे यह घटना नाकाम हो गई। जैसे ही उन्हें बाहर निकाला गया, उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।"
इसके बाद सीजेआई ने बिना किसी झिझक के मौजूद लोगों से दिन की कार्यवाही जारी रखने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा- इस सब से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।
हालांकि बाद में वकील को हिरासत में लिया गया और कई घंटों की पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया। हमले की कोशिश के एक दिन बाद वकील राकेश किशोर ने कहा कि वह "सनातन धर्म के एक सेवक" थे, जिन्होंने "ईश्वरीय आदेश" पर काम किया और उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
Published on:
09 Oct 2025 05:05 pm
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