22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरकार द्वारा नामित एजेंसी कर रही यूरिया की ‘कालाबाजारी’, पूर्व सीएम ने लगाया बड़ा आरोप

ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि 'मार्कफेड', जो कि सरकारी नामित वितरण एजेंसी है, वह खाद को सीधे किसानों को देने के बजाय निजी व्यापारियों को सप्लाई कर रही है। इससे किसानों को यूरिया अधिक दाम पर मिल रहा है।

2 min read
Google source verification
Naveen Patnaik's big statement on urea shortage

यूरिया की कमी पर नवीन पटनायक का बड़ा बयान (फोटो-IANS)

देश भर में किसान यूरिया संकट का सामान कर रहे हैं। खरीफ फसल की बुआई का समय होने के कारण किसानों को यूरिया भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ओडिशा में भी फर्टीलाइजर की कमी सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। राज्य के पूर्व सीएम व BJD नेता नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से बड़ी मांग कर दी है। साथ ही, मोदी सरकार की पोल खोलकर रख दी है। पटनायक ने बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर तालचेर उर्वरक संयंत्र का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने साल 2018 में वादा किया था कि यह संयंत्र 36 महीने में चालू हो जाएगा, लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी अब तक शुरू नहीं हुआ। इससे राज्य के किसानों की उम्मीदें टूट गई हैं।

किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है खाद

नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि इस समय खरीफ सीजन चल रहा है और यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति न होने से किसान बुरी तरह परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के दावों के बावजूद, किसानों तक खाद नहीं पहुंच रही है। पटनायक ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का 70 फीसदी योगदान है। उन्होंने कहा कि कभी धान का आयातक रहने वाला राज्य आज देश के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए एक बड़ा योगदानकर्ता बन चुका है। यह उपलब्धि आधुनिक तकनीक और कृषि इनपुट की उपलब्धता से संभव हुई है।

पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार 7.94 लाख टन यूरिया भंडारण का दावा करती है, लेकिन किसान तक यूरिया नहीं पहुंच रहा। किसान यूरिया के लिए तरस रहे हैं। सूबे में यूरिया की कालाबाजारी और मिलावट की शिकायतें आ रही हैं। किसानों को अधिक दाम देकर यूरिया खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 'मार्कफेड', जो कि सरकारी नामित वितरण एजेंसी है, वह खाद को सीधे किसानों को देने के बजाय निजी व्यापारियों को सप्लाई कर रही है। इससे बिचौलियों को फायदा हो रहा है और किसान ठगा जा रहा है।

यूरिया की कीमतों में वैश्विक उछाल

यूरिया की कीमतों में वैश्विक उछाल देखने को मिला है। वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमत 506.25 डॉलर प्रति टन है। बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया और मलेशिया ने चीन से यूरिया की कीमत घटाने पर सहमति बना ली है और जल्‍द ही भारत भी इसी दायरे में यूर‍िया का आयात कर सकता है। ऐसा होने से वैश्विक स्तर पर यूरिया के दाम घट सकते हैं। इससे देश में भी यूरिया के दाम में कमी आने की उम्मीद है।