
पीएम मोदी और शशि थरूर (Photo-IANS)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामनाथ गोयनका लेक्चर की प्रशंसा की तो पार्टी के अंदर हंगामा मच गया। कांग्रेस नेतृत्व ने थरूर की आलोचना शुरू कर दी। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। जो नेता राष्ट्रीय हित को पारिवारिक हित से ऊपर रखता है, उसके खिलाफ तत्काल ‘फतवा’ जारी कर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने शशि को घेरा और कहा कि पीएम मोदी के भाषण में कुछ भी ऐसा नहीं लगा जिसकी प्रशंसा की जाए। उन्होंने भाषण को तुच्छ बताया और कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर को इसमें क्या अच्छा लगा। सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि मुझे लगता है पीएम को बहुत-सी बातों का जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस द्वारा शशि थरूर की आलोचना करने पर भाजपा भी हमलावर हो गई। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यदि कोई प्रधानमंत्री के भाषण की प्रशंसा करता है तो कांग्रेस उस व्यक्ति के खिलाफ फतवा जारी कर देती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन अपनी पार्टी के भीतर लोकतंत्र नाममात्र को भी नहीं है। भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस का पूरा नाम अब 'इंदिरा नाजी कांग्रेस' किया जाना चाहिए क्योंकि यह पार्टी इंदिरा की आपातकालीन मानसिकता और नाजी तानाशाही व्यवहार को बार-बार प्रदर्शित करती है।
थरूर ने कहा कि पीएम का पूरा संबोधन देश के लिए एक साथ आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक मिशन दोनों के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि संबोधन में दिए गए संदेश ऐसे समय में आए हैं, जब भारत को तेज विकास, नई सोच और अपनी विरासत पर गर्व करते हुए एक संयुक्त दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। थरूर ने कहा कि पीएम ने अपने संबोधन में भारत की 'रचनात्मक अधीरता' पर जोर दिया और पिछली औपनिवेशिक मानसिकता को पीछे छोड़ने की बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पीएम मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और ज्ञान-परंपराओं पर गर्व बहाल करने के लिए 10 साल के राष्ट्रीय मिशन का आह्वान किया।
थरूर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत अब सिर्फ उभरता हुआ बाजार नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक नया मॉडल बन चुका है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार का हर कदम लोगों की समस्याओं का समाधान करने की भावनात्मक प्रतिबद्धता से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन पर हमेशा “चुनावी मोड” में रहने का आरोप लगता है, लेकिन वे दरअसल 'भावनात्मक मोड' में रहते हैं।
Updated on:
19 Nov 2025 10:58 pm
Published on:
19 Nov 2025 10:56 pm
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