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कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की बैठक के लिए पटना को चुना, लगेगा दिग्गज नेताओं का जमावड़ा

पटना में CWC की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस नेताओं का जुटान होगा। साथ ही, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रुपरेखा तय की जाएगी। पढ़ें क्या है कांग्रेस की तैयारी...

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी। (फोटो- IANS)

CWC Meeting Patna: पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने वाली है। यह बैठक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बिहार वोटर अधिकार रैली के तीन हफ्ते बाद होने जा रही है। राहुल को बिहार (bihar) में तगड़ा रिस्पॉन्स मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश हाई है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि बिहार में विस्तारित CWC की बैठक का उद्देश्य राज्य के कार्यकर्ताओं और नेताओं को यह संदेश देना है कि पार्टी हाईकमान इस विधानसभा चुनाव में उनके साथ है। कांग्रेस के नेता ने कहा कि CWC की बैठक में वोट चोरी और SIR के मुद्दे पर आगे की रुपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने बिहार के नेता व कार्यकर्ता अपनी बात रख पाएंगे।

24 सितंबर को सदाकत आश्रम में बैठक

कांग्रेस के नेता ने कहा कि बैठक में चुनावी रणनीति, उम्मीदवार चयन, गठबंधन समीकरण और राज्य स्तर पर संगठन की मजबूती जैसे अहम मुद्दों पर मंथन होगा। 24 सितंबर को पटना में संभावित रूप से सदाकत आश्रम में होने वाली बैठक में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल के साथ देश भर के कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति रहेगी। वहीं, कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम व डिप्टी सीएम के भी आने की संभावना है।

वोटर अधिकार रैली से पार्टी में जान फूंकने की कोशिश

राहुल गांधी बिहार में वोटर अधिकार रैली ने पार्टी में जान फूंकने का काम किया है। साथ ही, इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस की बार्गेनिंग पावर बढ़ा दी है। इसके चलते महागठबंधन की सबसे पुरानी साथी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कुछ दवाब भी महसूस कर रही है। राहुल ने अपनी यात्रा के दौरान तेजस्वी के साथ तस्वीरें खूब शेयर कीं। मीडिया में दोनों नेताओं के फुटेज चमके, लेकिन एकबार भी राहुल ने तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित नहीं किया। बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू से भी मीडिया ने कई बार इंडिया ब्लॉक के सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा, लेकिन वह इस पर हर बार गोलमोल जवाब देते रहे।

70 सीटों की है डिमांड

कांग्रेस इस बार भी 70 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। दरअसल, साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन महज 19 सीटों पर जीत मिली। लिहाजा, महागठबंधन में शामिल अन्य दल इस बार कांग्रेस को 70 सीट देने की मूड में नहीं है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि वामपंथी पार्टियों का कहना है कि इस बार राजद और कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना होगा और वामदलों को सीट शेयरिंग में उचित हिस्सा देना होगा।

इधर, लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के खाते में औपचारिक तौर पर 3 और निर्दलीय पप्पू यादव सहित 4 सांसद हैं। सीमांचल में कांग्रेस पहले की तुलना में काफी मजबूत हुई है। सीमांचल की चार लोकसभा सीटों (अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार) में से तीन इंडिया ब्लॉक के पास हैं। कटिहार से कांग्रेस के तारिक अनवर सांसद हैं, किशनगंज से कांग्रेस के डॉक्टर मोहम्मद जावेद और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव हैं। इसके साथ ही, कदवा से बिहार विधानमंडल में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भी आते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए फिलहाल सीमांचल उपजाऊ भूमि के जैसी है। लिहाजा पार्टी इन सब समीकरणों को देखते हुए अपनी मांग पर टिकी हुई है।