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UP: घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने दिया सपा को गुड न्यूज, लोकसभा में फेवीकोल की जोड़ बनेगी राहुल-अखिलेश की जोड़ी!

Ghosi bypoll: घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा के सामने अपना प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अपने कार्यकर्ताओं को पत्र लिखा है।

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 Congress gav supported SP in Ghosi by-election Rahul Akhilesh Fevicol


उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी सीट पर उपचुनाव हो रहा है। 5 सितंबर को होने वाले इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी न उतारकर सपा को समर्थन देने का एलान किया है। इस बात की घोषणा कांग्रेस के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने की है। लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि क्या कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद भी सपा अपनी सीट बचाने में कामयाब रहती है या रामपुर और सोनभद्र उपचुनाव के तरह फिर से हार का सामना करती है। सबसे बड़ी बात ये है कि क्या चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस और सपा का साथ बना रहता है या ये बस उपचुनाव तक सिमट कर रह जाएगा।

दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान सपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए थे। लेकिन सपा के चुनाव हारने के डेढ़ साल बाद दारा ने फिर से घर वापसी कर ली और भाजपा में शामिल हो गए। पार्टी बदलने के कारण उन्होंने अपने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, सपा ने सुधाकर सिंह पर दांव लगाया है।


कांग्रेस ने दिया सपा का साथ

घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी न उतारने और सपा का साथ देने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को पत्र लिखकर कहा गया कि समाजवादी पार्टी आईएनडीआईए का ह‍िस्‍सा है, इसलिए 5 सितंबर 2023 को उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के तहत 354-घोसी विधानसभा के होने वाले उप-चुनाव में कांग्रेस पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन प्रदान करती है। और अपने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाहन करती है कि वे सपा के घोषित प्रत्याशी को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।


दल मिले दिल मिलेंगे!

कांग्रेस के द्वारा समर्थन का एलान करने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या दल मिलने से कार्यकर्ताओं के दिल मिलेंगे। ऐसा नहीं है कि दोनों दलों ने पहली बार समर्थन देने का एलान किया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था इसके बावजूद दोनों पार्टियां को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस और सपा का गठबंधन नहीं था। फिर भी सपा ने अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस को समर्थन दिया था इसके बावजूद राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए। हालांकि सोनिया गांधी किसी तरह अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गई थी।

I.N.D.I.A. के नाम पर साथ रहेंगे बड़ा सवाल

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक गठबंधन बना है। स्वाभाविक है कि भाजपा के हाथों प्रदेश की सत्ता गंवा चुकी सपा भी इस गठबंधन का हिस्सा है। इसलिए कांग्रेस ने घोसी उपचुनाव में सपा का साथ देने का एलान किया है। लेकिन अगर सपा ये उपचुनाव हार जाती है तो क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सपा के साथ रहेगी। और रहेगी तो क्या उसे सपा की शर्ते मंजूर होंगी ये देखने वाली बात होगी।

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