7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कांग्रेस के बड़े नेता ने इस पद से दिया इस्तीफा, बताया कारण

आनंद शर्मा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर चार दशक तक कांग्रेस का प्रमुख चेहरा भी रहे हैं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashib Khan

Aug 10, 2025

आनंद शर्मा ने पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया (Photo-IANS)

Anand Sharma Resign: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने रविवार को पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। आनंद शर्मा ने करीब एक दशक तक विभाग का नेतृत्व किया। इस्तीफा को लेकर वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया है ताकि विभाग का पुनर्गठन हो सके और पार्टी में युवा नेताओं को शामिल किया जा सके। हालांकि आनंद शर्मा कांग्रेस के सदस्य बने हुए हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा पत्र

आनंद शर्मा ने विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि मुझे यह जिम्मेदारी देने के लिए पार्टी नेतृत्व के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं। मैं विदेश विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंप रहा हूं ताकि इसका पुनर्गठन हो सके। 

पत्र में लिखी यह बात

अपने पत्र में आनंद शर्मा ने कहा कि डीएफए पिछले कुछ दशकों से दुनिया भर में समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस के संबंधों को बनाने और मजबूत करने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है, जो लोकतंत्र, समानता और मानवाधिकारों के मूल्यों को साझा करते हैं।

CWC के सदस्य हैं आनंद शर्मा

बता दें कि आनंद शर्मा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर चार दशक तक कांग्रेस का प्रमुख चेहरा भी रहे हैं। वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश में भारत का रूख सामने रखने के लिए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। 

इस समझौते में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत-विशिष्ट छूट की वकालत की थी। इसके अलावा उन्हें भारत-अफ्रीका साझेदारी को एक संरचित तरीके से संस्थागत बनाने और पहली भारत-अफ्रीका शिखर बैठक आयोजित करने का श्रेय भी दिया जाता है।