
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया कि भाजपा संसद में अडानी मुद्दे पर चर्चा करने से "डरती" है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "वे (भाजपा) अडानी मुद्दे पर चर्चा करने से डरते हैं। मैं संसद में नई हूँ, लेकिन अब तक प्रधानमंत्री संसद में नहीं दिखे। हमें यह मुद्दा क्यों नहीं उठाना चाहिए?"
कई विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में अडानी मुद्दे पर प्रदर्शन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरबपति गौतम अडानी के कैरिकेचर वाले काले 'झोले' (बैग) थे और आगे की तरफ 'मोदी अडानी भाई भाई' लिखा था। कार्यवाही के दौरान हंगामा होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा के शीतकालीन सत्र को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे दिन भर की कार्यवाही बाधित हुई।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर स्पीकर ओम बिरला ने संसद परिसर में "अशोभनीय प्रदर्शन" पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "इस तरह का व्यवहार इस सदन के मानदंडों के अनुरूप नहीं है।" उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से शिष्टाचार बनाए रखने और राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करने का आग्रह किया। बिरला ने मतभेदों को सम्मानपूर्वक व्यक्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले 75 वर्षों में संसद रचनात्मक बहस का मंच रही है। सत्र में दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगे।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने चर्चा से बचने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, "हम हर दिन चर्चा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे चर्चा नहीं करना चाहते हैं। इसलिए वे किसी भी कारण से सदन को स्थगित करवा देते हैं। विपक्षी सांसदों ने बाद में संसद की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया और अडानी विवाद पर सरकार से जवाब मांगा।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर संसद को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, "सरकार कह रही है कि विपक्ष संसद को चलने नहीं दे रहा है। लेकिन यह सरकार ही है जिसने संसद को नहीं चलने देने का फैसला किया है।" केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर सदन को चलने नहीं देने का आरोप लगाया, "वे स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रहे हैं और जॉर्ज सोरोस का सोनिया गांधी से क्या संबंध है? वे सदन को चलने नहीं दे रहे हैं और फिर सदन के बाहर अराजकता फैला रहे हैं।" शीतकालीन संसद का पहला सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था, जिसमें व्यवधानों के कारण दोनों सदनों को काफी पहले ही स्थगित कर दिया गया था। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा।
Updated on:
10 Dec 2024 04:03 pm
Published on:
10 Dec 2024 01:51 pm
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