
पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब जांच के बाद बड़ी संख्या में डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। 194 लोगों की आरटीपीसीआर जांच कराई गई, जिसमें मेडिकल स्टूडेंट, जूनियर और सीनियर डॉक्टर व रेसिडेंट डॉक्टर शामिल थे। उनमें से 88 डॉक्टर संक्रमित पाए गए। शनिवार यानी 1 जनवरी को हुए जांच में भी 12 डॉक्टर संक्रमित पाए गए थे। इस तरह से कुल संक्रमित डॉक्टर की संख्या 100 से अधिक हो गई है। बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार रविवार को राज्य में 352 ने संक्रमित मामले पाए गए, जो कि शनिवार की तुलना में 125 प्रतिशत अधिक है।
बिहार के कई जिलों में कोरोना की रफ्तार काफी तेज हो गई है। बीते 10 दिनों में जिस हिसाब से पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, भागलपुर, गया में कोरोना बढ़ रहा है| उससे इस बात का आकलन किया जा सकता है कि अगले 10 से 15 दिनों में पूरे राज्य में 2500 कोरोना मरीज रोज मिलेंगे। आंकड़ों के मुताबिक राजधानी पटना में बीते 10 दिनों में कोरोना की रफ्तार 33 गुना बड़ी है। पटना में 24 दिसंबर को कोरोना के मात्र सात एक्टिव मरीज थे। नए साल के बाद 2 जनवरी को यह आंकड़ा 226 तक पहुंच गया है।
बिहार के लिए रेड अलर्ट
बिहार जैसे कम विकसित राज्य में, जहाँ स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं बिल्कुल नगण्य है। वहां अगर इस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढेगा तो निश्चित ही बड़ा समस्या हो जाएगा। बीते कुछ दिनों में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामले के कारण बिहार में फिर से मई-जून जितने केस मिलने लगे हैं। जून के बाद पहली बार बीते 24 घंटों में राज्य में 410 लोगों कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। बढते रफ्तार को रोकने के लिए जल्द ही राज्य में सख्ती बरतनी होगी। बिहार सरकार जल्द ही इस पर कुछ बड़े कदम उठा सकती है। विदेश से यात्रा करके लौटने वाले यात्रियों के लिए कम से कम 10 दिन होम आइसोलेशन में रहने का नियम बनाया गया है। साथ ही उन 10 दिनों के अंदर तीन बार कोरोना जांच करानी होगी।
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Updated on:
03 Jan 2022 01:37 pm
Published on:
03 Jan 2022 01:32 pm
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