
हरियाणा की राजनीति में मंगलवार का दिन काफी उथल-पुथल भरा रहा। पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पूरे मंत्री के साथ इस्तीफा दिया और शाम करीब 5.30 बजे कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी ने राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह सूबे के 11 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। एक तरफ लोग अचनाक से सूबे में हुए सत्ता परिवर्तन को लेकर हैरान है तो वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के काम काज पर नजर रखने वाले इस बात से बिल्कुल भी हैरान नहीं है।
इसके पीछे कारण है कि बीजेपी ने इससे पहले भी कई मौकों पर विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में सत्ता परिवर्तन करके आगामी विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल की है। बता दें कि हरियाणा से पहले गुजरात और उत्तराखंड में भी बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री को बदल दिया था। इसके बाद हुए चुनाव में पार्टी को फायदा भी मिला और फिर से दोनों राज्यों में सरकार भी बनाई।
सितंबर 2021 में लिया गया विजय रूपाणी इस्तीफा
गुजरात से आनंदीबने पटेल की विदाई के बाद मुख्यमंत्री बनाए गए विजय रूपाणी से भी पार्टी आलाकमान ने अचानक से इस्तीफा ले लिया था। 11 सितंबर, 2021 को विजय रूपाणी ने राज्यपाल से मुलाकात करके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। रूपाणी के बाद भूपेंद्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली।
रूपाणी सरकार पर आरोप लगा की कोविड-19 की दूसरी वेव के दौरान, जिस तरह गुजरात से लोगों के मरने की खबरें सामने आईं, उससे लोगों में विजय रूपाणी के खिलाफ काफी नाराजगी थी। इसके अलावा, गुजरात के कई बीजेपी विधायक भी मुख्यमंत्री के काम से खुश नहीं थे और प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर कई शिकायतें भी कर चुके थे।
तीरथ की बयान बाजी से गई मुख्यमंत्री की कुर्सी
गुजरात के अलावा, उत्तराखंड में भी बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री को चुनाव से पहले बदल दिया था। जुलाई, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वे महज चार महीने ही पद पर रह पाए थे। इस्तीफा देते हुए तीरथ सिंह रावत ने कोरोना की वजह से उपचुनाव नहीं होने को वजह बताया था। उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि संवैधानिक संकट को देखते हुए, मुझे लगा कि इस्तीफा देना सही है। हालांकि रावत चार महीने तक ही पद पर रह सके थे।
उस समय वह पौड़ी से सांसद थे और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें 10 सितंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था, लेकिन कोरोना वायरस और कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने की वजह से उप-चुनाव करवाया जाना मुश्किल माना जा रहा था। इसके अलावा, तीरथ सिंह रावत ने जींस पहनने को भी लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे काफी बवाल हुआ। इसके बाद कई अन्य घोषणाओं के चलते जनता में कथित तौर पर तीरथ के खिलाफ नाराजगी की बातें कही जा रही थीं।
2022 के चुनाव में जीती पार्टी
इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने तीरथ की जगह खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान सौंपी थी। बीजेपी को इसका फायदा भी मिला और 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए दोबारा सरकार बनाई थी।
Updated on:
12 Mar 2024 07:31 pm
Published on:
12 Mar 2024 07:29 pm
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