10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Cyber crime: ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामलों से तीन माह में गंवाए 120 करोड़, बढ़ती जा रही हैं फर्जी कॉल की शिकायतें

Digital Arrest: इस साल की पहली तिमाही में भारत में कई लोगों को ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के जरिए धोखाधड़ी में 120.30 करोड़ रुपए गंवाने पड़े।

less than 1 minute read
Google source verification

Cyber Crime: इस साल की पहली तिमाही में भारत में कई लोगों को ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के जरिए धोखाधड़ी में 120.30 करोड़ रुपए गंवाने पड़े। अब तक ऐसे मामलों से करीब 1,776 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के मुताबिक डिजिटल धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले ज्यादातर जालसाज तीन निकटवर्ती देशों म्यांमार, लाओस और कंबोडिया के हैं।

यह भी पढ़ें- Unique Divorce: 79 साल के पति ने पत्नी से मांगा तलाक, साथ कर दी 47 लाख गुजारा भत्ता की डिमांड

‘रुको-सोचो-एक्शन लो’

गृह मंत्रालय आई4सी के जरिए केंद्रीय स्तर पर साइबर अपराधों की निगरानी करता है। आइ4सी ने इस साल जनवरी से अप्रेल तक के डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों के विश्लेषण में पाया कि साइबर धोखाधड़ी के 46 प्रतिशत मामले तीन देशों से अंजाम दिए गए। आई4सी के सीईओ राजेश कुमार के मुताबिक अब तक पीड़ितों को ट्रेडिंग घोटालों में 1,420.48 करोड़, निवेश घोटालों में 222.58 करोड़ और रोमांस/डेटिंग घोटालों में 13.23 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इंटरनेट के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के बीच डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी का बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इनसे बचने के लिए देशवासियों को ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ का मंत्र दिया था।

यह भी पढ़ें- Rule Change: 1 नवंबर से बदलेंगे ये 6 बड़े नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

बढ़ती जा रही हैं फर्जी कॉल की शिकायतें

‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन यह कहकर डराया जाता है कि उसे सरकारी एजेंसी ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया है। बचने के लिए जुर्माना देना होगा। लोग झांसे में आकर बताए गए खातों में मांगी गई राशि ट्रांसफर कर देते हैं। इस तरह के फर्जी कॉल की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं।