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Deepotsav 2022: अयोध्या में जले 15.76 लाख दीये, PM मोदी बोले- भगवान राम विश्व के लिए ज्योतिपुंज

Deepotsav 2022: छोटी दिपावली के अवसर पर आज अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है। पीएम मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में सरयू नदी के किनारे रिकॉर्ड 15.76 लाख दीये जलाए गए। इस मौके पर पूरे अयोध्या राममय नजर आ रही है।  

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Deepotsav 2022: Record 15.76 lakh deep burned at Ayodhya PM Modi offers Aarti at New Ghat

Deepotsav 2022: आज अयोध्या दीपों के प्रकाश से उज्ज्वल और राममय है। छोटी दिपावली के मौके पर अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मस्थली पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित राज्य के अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में अयोध्यावासी दिपावली को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

पीएम मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में सरयू नदी के किनारे रिकॉर्ड 15.76 लाख दीये जलाए गए। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में सीएम योगी ने इस रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने सरयू की पूजा करके आरती उतारी। उन्होंने राम की पैड़ी पर लेजर शो के माध्यम से हुई राम कथा देखी। इसके बाद डिजिटल आतिशबाजी का नजारा लिया।


इससे पहले, पीएम ने रामलला के दर्शन किए। भगवान राम का तिलक लगाकर राज्याभिषेक किया। पीएम मोदी ने अयोध्या वापस लौटे भगवान राम की आरती की और प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जगत प्रकास्य प्रकासक रामू। अर्थात, भगवान राम पूरे विश्व को प्रकाश देने वाले हैं। वो पूरे विश्व के लिए एक ज्योतिपुंज की तरह हैं।


मध्यकाल और आधुनिककाल तक भारत ने कितने अंधकार भरे युगों का सामना किया है। जिन झंझावातों में बड़ी-बड़ी सभ्यताओं के सूर्य अस्त हो गए, उनमें हमारे दीपक जलते रहे, प्रकाश देते रहे और फिर उन तूफानों को शांत कर उद्दीप्त हो उठे। दीपावली के दीपक हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंच हैं।


पीएम मोदी ने कहा कि हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए, लेकिन प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आज हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं। हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्सव जिनके जीवन का सहज-स्वाभाविक हिस्सा रहे हैं। आज अयोध्या जी दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं। आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है।


भगवान राम का वर्णन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं। भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी, और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।


इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्रणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्रांणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, श्रीराम से सीखना है।

आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं।

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