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दिल्ली एम्स का सर्वर हुआ बहाल, ई-हॉस्पिटल डेटा भी रिस्टोर, लेकिन मैनुअल मोड पर चलेंगी सभी सर्विस

दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुए साइबर अटैक के बाद ई हॉस्पिटल डेटा बहाल कर दिया गया है। लेकिन, अभी आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर काम होगा।

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साइबर अटैक के बाद दिल्ली एम्स में ई—हॉस्पिटल डेटा फिर से बहाल कर दिया गया है। दिल्ली एम्स की तरफ से समाचार एजेंसी एएनआई को यह जानकारी दी गई है। साथ ही संस्थान ने कहा है कि भविष्य में फिर इस तरह का संकट पैदा न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली एम्स पर साइबर अटैक हुआ था। इसकी वजह से अस्पताल का सर्वर पिछले सात दिनों से ठप था। अब दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) में ई हॉस्पिटल डेटा तो बहाल कर दिया गया है लेकिन अभी आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर काम होगा।


साइबर-सिक्योरिटी घटना पर पर दिल्ली एम्स प्रबंधन ने एक बयान जारी कर कहा है कि डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज का काम चल रहा है। अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा वॉल्यूम और बड़ी संख्या में सर्वर/ कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में समय लगेगा। ऐसे में आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर रहेगी।


बता दें कि दिल्ली एम्स के सर्वर पर रैंसमवेयर अटैक हुआ था और हैकर्स ने इसके जरिए अस्पताल के सर्वर को हैक कर लिया था। बता दें कि रैंसमवेयर अटैक के बाद हैकर्स पैसे की मांग करते हैं। इस मामले में इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की टीमें जांच में जुटी हुई है। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) टीम द्वारा 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर क्राइम का मामला दर्ज किया गया था।


बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी भी इस मामले में एम्स का दौरा कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि NIA भी जांच में सहयोग कर रही है। एम्स ने कहा था कि डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के लिए भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की मदद मांगी गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में शामिल हो गई है।


बता दें कि हैकर्स ने रैंसमवेयर के जरिए एम्स दिल्ली का सर्वर हैक कर लिया था। इसके बाद हैकर्स ने संस्थान से क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये की मांग की थी। भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि जांच कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस इकाई ने 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया था।