
Delhi Blast Case Update: 5 लाख में खरीदी गई थी AK-47 राइफल। (फोटो- पत्रिका डिजाइन)
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले की जांच में कई और बड़े खुलासे हुए हैं। जांचकर्ताओं को एक बड़े ट्रांसनेशनल टेरर नेटवर्क और हैंडलर्स की एक बनी-बनाई चेन का पता है। इसके साथ यह भी जानकारी सामने आई है कि देश में कई कोऑर्डिनेटेड हमलों की तैयारी थी।
कार ब्लास्ट में अब तक 15 लोगों की जान चली गई है। जबक कई घायल हैं। जांच में यह भी बात सामने आई थी कि धमाके वाली कार चला रहे डॉ उमर नबी ने जानबूझकर यह हमला किया।
वहीं, इस मामले में चार दूसरे मुख्य आरोपी पुलवामा (जम्मू और कश्मीर) के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग (जम्मू और कश्मीर) के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के डॉ. शाहीन सईद और शोपियां (जम्मू और कश्मीर) के मुफ्ती इरफान अहमद वागे को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने हिरासत में ले लिया है।
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद में 2500 kg से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट मिलने के बाद गिरफ्तार हुए आरोपी मुजम्मिल ने 5 लाख रुपये में एक AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में अदील के लॉकर से मिली थी। यह हथियार खरीदना एक अहम कड़ी है।
इंटेलिजेंस एजेंसी के एक सूत्र ने कहा कि यह आतंकियों की तैयारी और फाइनेंसिंग लेवल को स्पष्ट करता है। इससे साफ पता चलता है कि आतंकी बड़े हमले की तैयारी कर रहे थे, जिसके लिए उन्हें फंड की कोई कमी नहीं थी।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस मॉड्यूल का हर आरोपी अलग-अलग हैंडलर को रिपोर्ट कर रहे थे। मुजम्मिल का हैंडलर अलग था, जबकि ब्लास्ट का आरोपी उमर किसी और को रिपोर्ट कर रहा था।
दो अन्य संदिग्ध मंसूर और हाशिम एक सीनियर हैंडलर के अंडर काम कर रहे थे। जिसके बारे में माना जाता है कि वह मॉड्यूल की पूरी एक्टिविटीज को सुपरवाइज कर रहा था।
एक अधिकारी ने कहा कि ये हैंडलर लेयर्स में काम कर रहे थे। उधर, इंटेलिजेंस सोर्स ने कन्फर्म किया कि 2022 में, मुजम्मिल, अदील और एक अन्य आरोपी मुजफ्फर अहमद एक ओकासा नाम के शख्स के कहने पर तुर्की गए थे, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़ा है।
उन्हें तुर्की में एक कॉन्टैक्ट के जरिए अफगानिस्तान भेजा जाना था। लेकिन एक सोर्स ने कहा कि लगभग एक हफ्ते तक इंतजार कराने के बाद हैंडलर पीछे हट गया।
जांचकर्ताओं को यह भी जानकारी मिली है कि ओकासा ने मुजम्मिल से टेलीग्राम पर बात की थी। इंटेलिजेंस अधिकारियों ने कहा कि उमर बम बनाने के वीडियो, मैनुअल और ऑनलाइन ओपन-सोर्स कंटेंट की स्टडी कर रहा था।
उसने विभिन्न जगहों से इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स खरीदे। इसके बाद केमिकल्स को स्टोर करने और एक्सप्लोसिव मिक्सचर तैयार करने के लिए एक डीप फ्रीजर भी खरीदा। एक सोर्स ने बताया कि इस फ्रीजर का इस्तेमाल कंपाउंड को स्टेबल करने और प्रोसेस करने के लिए किया गया था।
जांचकर्ताओं ने यह भी बताया कि फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर मुजम्मिल और उमर के बीच पैसों को लेकर जोरदार लड़ाई हुई थी, इस घटना को कई स्टूडेंट्स ने देखा था।
विवाद के बाद, उमर ने अपनी लाल इकोस्पोर्ट कार मुजम्मिल को दे दी। इसमें पहले से ही विस्फोटक मटीरियल था। इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी कई जगहों पर एक्सप्लोसिव्स स्टोर करने और एक साथ हमले करने की प्लानिंग कर रहे थे।
सभी इंडिकेटर्स एक कोऑर्डिनेटेड मल्टी-लोकेशन स्ट्राइक प्लान की ओर इशारा करते हैं। उधर, कॉन्सपिरेसी में शामिल बड़े नेटवर्क, फाइनेंशियल चैनल्स और इंटरनेशनल हैंडलर्स का पता लगाने के लिए आगे की इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
Published on:
22 Nov 2025 10:45 am
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