scriptदिल्ली में पहली बार अप्रैल महीने में रिकॉर्ड 6,000 मेगावाट पहुंची बिजली की डिमांड, मेट्रो-अस्पतालों में आपूर्ति हो सकती है बाधित | Delhi Electricity Demand Reached Record 6000 mw First Time In April Month | Patrika News

दिल्ली में पहली बार अप्रैल महीने में रिकॉर्ड 6,000 मेगावाट पहुंची बिजली की डिमांड, मेट्रो-अस्पतालों में आपूर्ति हो सकती है बाधित

locationनई दिल्लीPublished: Apr 29, 2022 09:36:04 am

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक तरफ गर्मी ने लोगों को झुलसा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ पहली बार बिजली डिमांड भी रिकॉर्ड तोड़ रही है। दरअसल बीते 24 घंटे में दिल्ली में रिकॉर्ड 6 हजार मेगावाट बिजली की मांग रही, जो अप्रैल के महीने में पहली बार ऐसा हुआ है। वहीं कोयले की कमी के चलते बिजली आपूर्ति में भी दिक्कत खड़ी हो गई है।

Delhi Electricity Demand Reached Record 6000 mw First Time In April Month

Delhi Electricity Demand Reached Record 6000 mw First Time In April Month

देश की राजधानी दिल्ली में एक तरफ तापमान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है तो दूसरी तरफ सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। दरअसल राजधानी में बिजली की रिकॉर्ड डिमांड सरकार की चिंता बढ़ा दी है। बिजली की मांग अप्रैल के महीने में पहली बार गुरुवार को 6,000 मेगावाट पहुंच गई। बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल में पहली बार दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावाट पर पहुंची है। दूसरी तरफ कोयले कमी के चलते राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों पर असर पड़ रहा है, जिससे मेट्रो और अस्पतालों में आपूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ गई है।
डिस्कॉम के मुताबिक गुरुवार को जहां दिल्ली में बिजली की डिमांड 6000 मेगावाट थी वहीं उससे एक दिन पहले यानी बुधवार को ये मांग 5,769 मेगावाट थी। यानी महज 24 घंटे में ये डिमांड 3.7 फीसदी बढ़ गई है।
दरअसल दिल्ली में इस वर्ष अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ने की वजह से बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। महीने की शुरुआत से लेकर इस डिमांड में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है।
यह भी पढ़ें – दिल्ली-केद्र विवाद: कौन कंट्रोल करेगा दिल्ली प्रशासन, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला


285 फीसदी ज्यादा डिमांड की उम्मीद
बता दें कि दिल्ली में 1 अप्रैल को बिजली की डिमांड 4,469 मेगावाट थी। जो महीने खत्म होते-होते 6000 तक पहुंच गई। डिस्कॉम के अधिकारियों की मानें तो इस साल सबसे ज्यादा मांग करीब 8,200 मेगावाट रहने की उम्मीद है, जो 2002 के 2,879 मेगावाट से करीब 285 फीसदी ज्यादा रहेगी।

कोयले की कमी ने बढ़ाई चिंता
दूसरी तरफ कोयले की कमी ने भी दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में बिजली संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है।


दरअसल दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने हालातों का आकलन करने के लिए बीते दिन एक बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे।

सरकार का कहना है कि मौजूदा हालात में बिना बाधित बिजली सप्लाई करना बहुत लंबे समय तक संभव नहीं है और इसमें दिक्कत आ सकती है।

यह भी पढ़ें – दिल्ली में तय होगा यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष, जानिए कौन-कौन नेता हैं दौड़ में शामिल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो