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Delhi Pollution: बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली पर्यावरण मंत्री पर हमलावर हुए वीरेंद्र सचदेवा, मांगा इस्तीफा

Delhi Pollution News: वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'गोपाल राय दिल्ली के पर्यावरण मंत्री हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य की बजाय पंजाब सरकार (Punjab Sarkar) का बचाव करना लगता है।

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Virendra Sachdeva on Gopal Rai

Virendra Sachdeva on Gopal Rai

Delhi Pollution News: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के आंकड़ों एवं वास्तविकता पर आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार को बचाने और दिल्ली की जनता को गुमराह करने वाले मंत्री गोपाल राय के इस्तीफे की मांग की।

'पंजाब के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं'

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'गोपाल राय दिल्ली के पर्यावरण मंत्री हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य की बजाय पंजाब सरकार का बचाव करना लगता है। उनका काम पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के समय की गलतियों को छुपाना है। जब तक पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी, तब तक अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय पंजाब सरकार की निंदा करते रहे। अब जब वहां उनकी ही सरकार है, तो वह पंजाब के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने बताया कि 15 सितंबर से 22 अक्टूबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 1,581 घटनाएं रिकॉर्ड की गईं।'

'AAP ने दिल्ली को गंभीर स्थिति में डाल दिया'

पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में यह संख्या लगभग 9000 तक पहुंच गई थी। बावजूद इसके, गोपाल राय इस पर बात करने से बचते हैं और अन्य राज्यों का उल्लेख करते हैं। केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब के लिए पराली जलाने को रोकने के लिए 3,300 करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन यह राशि सही तरीके से उपयोग नहीं की गई। अधिकतर मशीनें जो इन समस्याओं को सुलझा सकती थीं, अब धूल खा रही हैं।” वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण पराली जलाना है। गोपाल राय और आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली को प्रदूषण के मामले में गंभीर स्थिति में डाल दिया है। साल 2022 में पंजाब में 15.43 लाख हेक्टेयर खेत में पराली जलाई गई, जो 2023 में बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर हो गया। लेकिन गोपाल राय इन आंकड़ों पर चुप्पी साधे हुए हैं।” उन्होंने कहा, “दिल्ली का बजट 76,000 करोड़ रुपये है, लेकिन प्रदूषण रोकने के लिए कितना पैसा खर्च किया गया है? एनसीपी के तहत केंद्र सरकार ने 37 करोड़ रुपए दिए, लेकिन मात्र 10 करोड़ खर्च किए गए। यह दर्शाता है कि गोपाल राय और उनकी सरकार ने इस समस्या के प्रति कितनी गंभीरता दिखाई है।

'गोपाल राय ध्यान नहीं दे रहे'

वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा, “दिल्ली में धूल और प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक सड़क की खराब स्थिति है। कुल 28,508 किलोमीटर के सड़क नेटवर्क में गड्ढों के कारण प्रदूषण और बढ़ रहा है। दिल्ली में बच्चे और बुजुर्ग सांस की समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन गोपाल राय इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री आतिशी ने यमुना में बढ़ते अमोनिया स्तर के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें से एक एसटीपी पॉइंट्स का सही से काम न करना है। यह सब सरकार की नाकामियों का नतीजा है। अगर सरकार ने पिछले 10 साल में यमुना को बचाने का प्रयास किया होता, तो आज स्थिति अलग होती।”

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