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दिल्ली दंगों मामले में 20 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों की कथित साजिश रचने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई के नेता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था।
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में दंगों की कथित साजिश रची गई। इस साजिश रचने के आरोप में हैदर और कई अन्य के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून ‘गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किए गए हैं। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे।
दंगों के आरोप में दिल्ली पुलिस ने हैदर के साथ-साथ जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, शरजील इमाम, ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के कार्यकर्ता खालिद सैफी, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया।
आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया है। खालिद और इमाम की जमानत याचिकाएं पहले से ही हाई कोर्ट में लंबित चल रही हैं।
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