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दिल्ली दंगा केस: शरजील इमाम ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम और उमर खालिद सहित अन्य लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि साजिश में उनकी भूमिका प्रथम दृष्टया गंभीर प्रतीत होती है। 

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भारत

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Ashib Khan

Sep 06, 2025

शरजील इमाम ने जमानत के लिए SC में दायर की याचिका (Photo-IANS)

Delhi Riots 2020: शनिवार को शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े षड्यंत्र मामले में जमानत मांगी है। तीन दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। वकील फौज़िया शकील के ज़रिए दायर याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के 2 सितंबर के आदेश की आलोचना की गई और तर्क दिया गया है कि मुकदमे में व्यवस्थागत देरी के कारण उनकी कैद लंबी हो गई है, जिसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

जमानत देने का किया आग्रह

याचिका में कहा गया है कि आधे दशक से ज़्यादा समय तक हिरासत में रहने के बावजूद ज़मानत न देना एक विचाराधीन कैदी को सज़ा देने के बराबर है और सर्वोच्च न्यायालय से उसकी रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। बता दें कि 28 जनवरी 2020 को शरजील इमाम को गिरफ्तार किया गया था। 

हाईकोर्ट ने याचिका की थी खारिज

2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम और उमर खालिद सहित अन्य लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि साजिश में उनकी भूमिका प्रथम दृष्टया गंभीर प्रतीत होती है। 

इमाम ने बांटे पर्चे

अदालत ने कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद शरजील इमाम और खालिद , व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर, पर्चे बाँटकर और कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर भाषण देकर विरोध को संगठित करने वाले पहले व्यक्ति थे। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने उन्हें इस साज़िश के बौद्धिक शिल्पकार बताया था।

तुषार मेहता ने दी दलील

सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि दंगों से कुछ हफ़्ते या दिन पहले... सिर्फ़ उनकी अनुपस्थिति उनकी भूमिका को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती। तुषार मेहता और अमित प्रसाद की ओर से दिल्ली पुलिस ने पहले दलील दी थी। 

शरजील इमाम और उमर खालिद ने दिए भड़काऊं भाषण

उन्होंने कहा कि शरलीज इमाम ने अलीगढ़, आसनसोल और चाकंद में भड़काऊ भाषण दिए थे, जबकि खालिद ने 17 फ़रवरी, 2020 को अमरावती में भाषण दिया था और 24 फ़रवरी को विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था, इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी भारत यात्रा शुरू की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ने दूसरों के साथ मिलकर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए, मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्चे बाँटे और ज़रूरी सामान की आपूर्ति बाधित करने के लिए चक्का जाम की योजना बनाई।