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क्या अब जम्मू कश्मीर को मिलेगा गैर-मुस्लिम मुख्यमंत्री? परिसीमन आयोग ने बैठक में दिया 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव

दिल्ली के अशोक होटल में परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) की बैठक सोमवार को हुई। बैठक में जम्मू कश्मीर के लिए 7 सीटों का प्रस्ताव रखा गया है।

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jammu_kashmir  Delimitation Commission

Delimitation Commission Meeting in Delhi

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के लिए परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का गठन किया गया था। आज परिसीमन आयोग की बैठक भी हुई जिसमें जम्मू क्षेत्र के लिए 6 और कश्मीर के लिए एक सीट का प्रस्ताव रखा गया है। यदि ये प्रस्ताव पास होता है तो इस केंद्र शासित प्रदेश में जम्मू को राजनीतिक तौर पर बढ़त मिलेगी और हो सकता है इस प्रदेश को भविष्य में गैर मुस्लिम मुख्यमंत्री भी मिले।

दिल्ली के अशोक होटल में परिसीमन आयोग की बैठक सोमवार को हुई जिसमें केन्द्रीय मंत्री और सांसद जितेंद्र सिंह और भाजपा सांसद जुगल किशोर भी शामिल थे। इनके अलावा नेशनल कोन्फ़्रेंके के नेता फारूक अब्दुल्लाह, रिटायर्ड जस्टिस हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन सभी बैठक में शामिल हुए थे। इसी बैठक में जम्मू कश्मीर के लिए 7 सीटों का प्रस्ताव रखा गया है। परिसीमन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं।

वर्तमान में जम्मू कश्मीर विधानसभा की कुल 87 सीटें हैं, जिनमें से 37 सीटें जम्मू क्षेत्र की हैं, जबकि कश्मीर की 46 सीटें हैं। यदि परिसीमन आयोग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाता है तो जम्मू की कुल सीटें 44 हो जाएंगी, जबकि कश्मीर की 47 हो जाएंगी। इससे जम्मू का प्रभाव भी प्रदेश की राजनीति में बढ़ेगा। पहले कश्मीर क्षेत्र में जिस पार्टी की जीत होती थी उसकी सत्ता हासिल करने की संभावना बढ़ जाती थी।

हालांकि, परिसीमन से जम्मू की भागीदारी बढ़ेगी जिससे भविष्य में ये भी हो सकता है कि भविष्य में गैर-मुस्लिम को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिले। जम्मू में 61.19 फीसदी आबादी मुस्लिम है, हिन्दू 37.19 फीसदी और सिख 1.41 फीसदी है। कश्मीर की बात करें तो यहाँ 93.48 फीसदी आबादी मुस्लिम है जिस कारण गैर मुसलमान को प्रदेश की सत्ता में बैठने का अवसर न के बराबर मिला है।

बता दें 5 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया था।