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क्या था धीरज साहू का ट्वीट?
कांग्रेस सांसद धीरज साहू ने 12 अगस्त 2022 को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा, “नोटबंदी के बाद भी देश में इतना कालाधन और भ्रष्टाचार देखकर मन व्यथित हो जाता है। मेरी तो समझ में नहीं आता कि कहां से लोग इतना काला धन जमा कर लेते है? अगर इस देश में भ्रष्टाचार कोई जड़ से खत्म कर सकता है, तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है।” उनके इसी ट्वीट पर अमित मालवीय ने धीरज साहू के ट्वीट का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा कि धीरज प्रसाद साहू का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है।
साहू ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप
दरअसल, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू शराब कारोबारी हैं। ये छापेमारी उनकी कंपनी बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से जुडे़ ठिकानों पर हो रही है। बौद्ध डिस्टिलरी राज्यसभा सांसद धीरज साहू के परिवार की कंपनी है। धीरज साहू का परिवार शराब व्यवसाय से जुड़ा है। उनकी ओडिशा में शराब बनाने की कई फैक्ट्रियां हैं। संयुक्त पारिवारिक सहयोग से ये कारोबार चलाता है।
साहू ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप है। इसी सिलसिले में 6 दिसंबर को छापेमार कार्रवाई शुरू हुई थी। इस छापेमारी में अब तक 351 करोड़ रुपये मिले हैं। इन गड्डियों को अलमारियों में रखा गया था। कैश की गिनती के काम में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों की लगभग 80 अधिकारियों की 9 टीमें जुटी थीं। इन्होंने 24 घंटे की शिफ्ट में काम किया।
कौन हैं धीरज प्रसाद साहू?
राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है। वो तीन बार से राज्यसभा के सांसद हैं। वो 2009 में राज्यसभा सांसद बने थे। जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए। तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए। धीरज प्रसाद की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था। देश के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। उन्होंने खुद 1977 में राजनीति में कदम रखा। उनके भाई शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे। उन्होंने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं।
2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी। उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था। हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था। हलफ़नामे के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है।
चुनाव हारने पर कांग्रेस ने बना दिया राज्यसभा सांसद
धीरज साहू साल 1978 में रांची यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान NSUI से जुड़ गए। धीरे-धीरे उनका जिले के कांग्रेस कमिटी में दबदबा बढ़ता गया। इसके बाद उन्होंने झारखंड में कांग्रेस को बढ़ाने के लिए काम करना शुरु किया और पार्टी आलाकमान के करीबी हो गए। वह कांग्रेस के लिए कितनी अहमियत रखते हैं इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मई 2009 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की चतरा सीट से हार गए।