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Article 370: क्या फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 को हटाने के लिए निजी तौर पर किया था समर्थन? पूर्व रॉ प्रमुख ने किया दावा

Farooq Abdullah: फारूक अब्दुल्ला ने किताब में किए गए दावों पर कहा कि इसमें सच्चाई नहीं है। अगर इसमें सच्चाई होती तो हमें जेल में बंद क्यों किया जाता।

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जम्मू

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Ashib Khan

Apr 16, 2025

Article 370: पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में की चौंकाने वाले खुलासे हुए है। इस किताब में दावा किया गया कि जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 को हटाने के लिए निजी तौर पर समर्थन व्यक्त किया था। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है। हालांकि इसके बाद पूर्व सीएम और एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है। 

एसएस दुलत के दावे पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई "सस्ती चाल" का हिस्सा है। 

‘हमें हिरासत में लिया गया’

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। 

हमें बंद क्यों किया जाता?

फारूक अब्दुल्ला ने किताब में किए गए दावों पर कहा कि इसमें सच्चाई नहीं है। अगर इसमें सच्चाई होती तो हमें जेल में बंद क्यों किया जाता। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे. आज भी खड़े हैं। 

पीएम मोदी से मिले थे अब्दुल्ला

एएस दुलत ने अपनी किताब में लिखा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने बैठक की थी। हालांकि इस बैठक के दौरान क्या हुआ, यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक अब्दुल्ला ने इसका कभी जिक्र नहीं किया है। 

7 महीने रखा गया हिरासत में

उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले के बाद फारूक अब्दुल्ला को करीब 7 महीने तक हिरासत में रखा गया। दुलत ने लिखा कि सरकार चाहती थी कि फारूक अब्दुल्ला नई वास्तविकता को स्वीकार कर लें। किताब में लिखा कि फारूक अब्दुल्ला हमेशा दिल्ली के पक्ष में रहना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली की शर्तों पर नहीं, जबकि उमर अब्दुल्ला दिल्ली को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।

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जम्मू कश्मीर में मचा सियासी बवाल

पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में बवाल मच गया। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इसको लेकर फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ और 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री और फारूक अब्दुल्ला की पीएम से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रहा।